सबरीमाला मंदिर: महिलाओं की एंट्री पर SC में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

Supreme court reserves its verdict on entry of women at Sabarimala
सबरीमाला मंदिर: महिलाओं की एंट्री पर SC में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
सबरीमाला मंदिर: महिलाओं की एंट्री पर SC में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
हाईलाइट
  • इस मामले में पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
  • वर्तमान में सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है।
  • सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले में पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों के वकीलों से अपनी लिखित दलीलें सात दिनों के अंदर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। सात दिनों बाद बेंच इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है।

गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। मंदिर अथॉरिटी का कहना है कि रजस्वला (पीरियड) की अवस्था में पवित्रता नहीं रख सकती हैं, इसलिए इस उम्र की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है। मंदिर के इस नियम के खिलाफ साल 2015 में आवाज उठी थी। इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। इस याचिका पर केरल हाई कोर्ट ने सुनवाई कर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को सही माना था। इसके बाद केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी और बाद में इसे संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। CJI की अध्यक्षता में संवैधानिक बेंच ने इस याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर मंगलवार (17 जुलाई) से लगातार सुनवाई शुरू की थी।

पिछली सुनवाईयों में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा मंदिर में विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर बैन को लेकर सख्त टिप्पणी कर चुके हैं। CJI कह चुके हैं कि मंदिर एक सार्वजनिक संपत्ति है, यह किसी की प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं है। इसलिए अगर इसमें पुरुषों को जाने की अनुमति है तो महिलाओं को भी यहां प्रवेश दिया जाना चाहिए।

बता दें कि केरल की राज्य सरकार ने भी इस मामले में पहले मंदिर अथॉरिटी का समर्थन किया था, हालांकि इस साल राज्य सरकार ने अपना पुराना रूख बदलकर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI ने राज्य सरकार को इस मामले पर बार-बार अपना रूख बदलने के लिए फटकार भी लगाई थी।

Created On :   1 Aug 2018 7:01 PM IST

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