मुजफ्फरपुर रेप कांड: SC की फटकार, कहा- फंड देने से पहले क्यों नहीं की जांच?

Supreme Court slams Bihar govt on horrific rape incidents of minor girls in Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर रेप कांड: SC की फटकार, कहा- फंड देने से पहले क्यों नहीं की जांच?
मुजफ्फरपुर रेप कांड: SC की फटकार, कहा- फंड देने से पहले क्यों नहीं की जांच?
हाईलाइट
  • SC ने कहा फंड देने से पहले संस्था की जांच क्यों नहीं की गई।
  • करीब 110 संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा था
  • जिनमें से 15 के खिलाफ शिकायतें मिली हैं।
  • बिहार के मुजफ्फरपुर में 34 बच्चियों के साथ शोषण का मामला।
  • सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकार लगाई।


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया में शेल्टर होम में लड़कियों से साथ रेप के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। मंगलवार को SC ने मुजफ्फरपुर रेपकांड पर संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को फटकार लगाई है। साथ ही देवरिया शेल्टर होम में लड़कियों के साथ हुए रेप का भी जिक्र किया। सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा देशभर में ये क्या हो रहा है। पूरे देश में लेफ्ट, राइट और सेंटर हर जगह रेप हो रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, देश में हर छह घंटे में एक लड़की का रेप हो रहा है। देशभर में साल में 38 हजार से ज्यादा रेप हो रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा रेप मध्य प्रदेश में हो रहे हैं, जबकि यूपी दूसरे नंबर पर है।

 

जांच के बिना ही जनता का पैसा संस्थाओं को दिया जा रहा- SC

दरअसल मुजफ्फरपुर में 34 बच्चियों के साथ शोषण के मामले पर बिहार की नीतीश सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया है कि, संस्थाओं को फंड देने से पहले जांच क्यों नहीं की गई। SC ने टिप्पणी की है कि, संस्थाओं की जांच किए बिना ही आप लोग इन्हें जनता का पैसा दिए जा रहे थे। करीब 110 संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा था, जिनमें से 15 के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं।

 

ये गतिविधियां राज्य प्रायोजित लग रही हैं- SC

SC ने बिहार सरकार की तरफ से शेल्टर होम का संचालन करने वाले NGO को फंड देने पर फटकार लगाते हुए कहा कि पिछले कई सालों से बिहार सरकार NGO को फंड देती आ रही है, लेकिन उसे ये नहीं पता ये फंड वो क्यों दे रही है? फंड जारी करने से पहले सरकार को NGO की जांच और शेल्टर होम का निरीक्षण करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का कहना है, ऐसा लगता है ये गतिविधियां राज्य प्रायोजित हैं। 

 

एक ही नहीं बल्कि दर्जनभर संस्थान जांच के दायरे में 

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा मुजफ्फरपुर का एनजीओ अकेला नहीं है, जहां ऐसा मामला सामने आया है। एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार के फंड से चल रही 15 संस्थाओं का जिक्र किया है, जो जांच के दायरे में हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार शेल्टर होम रेपकांड में अपर्णा भट्ट को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त कर रखा है। एमिकस ने सुप्रीम कोर्ट में बताया पीड़ित लड़कियों की काउंसलिंग की जा रही है।

 

Created On :   7 Aug 2018 3:18 PM IST

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