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दैनिक भास्कर हिंदी: दो घंटे चला सकते हैं कम प्रदूषण वाले पटाखे, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हाईलाइट
- कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई है याचिका
- 28 अगस्त को ही सुरक्षित कर लिया था फैसला
- शिशुओं के स्वास्थ्य पर प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली पर पटाखों की बिक्री और उन्हें फोड़ने पर पाबंदी लगाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने जारी आदेश में कहा कि कम प्रदूषण वाले पटाखे बनाने की अनुमति दी जाए और लाइसेंस धारकों को ही इनकी बिक्री की अनुमति मिले। कोर्ट ने पटाखे जलाने का समय निर्धारित कर दिया है। दीवाली पर रात आठ से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं, जबकि क्रिसमस और नए साल पर यह समय 11.55PM से 12.55 AM रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि देशभर में लगातार पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों की जांच की जानी चाहिए। इनमें हानिकारण कैमिकल का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा की आदेश को दीवाली ही नहीं सभी धार्मिक और सामाजिक त्यौहारों पर लागू किया जाएगा। बता दें कि इस मामले में जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण ने 28 अगस्त को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था। पटाखों से होने वाले ध्वनि और वायु प्रदूषण के कारण कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में पूरे देशभर में पटाखों पर बैन लगाने की मांग की गई थी।
देशभर में पटाखे की बिक्री का केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने कहा कि पटाखों के उत्पादन पर नियम बनाना अच्छा कदम है। इसमें बोरियम और एल्युमिनियम का उपयोग भी रुकना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में पटाखा उत्पादकों और विक्रेताओं ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बिना किसी वैज्ञानिक रिसर्च के पटाखों की बिक्री पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। इसका प्रभाव लाखों लोगों के रोजगार पर पड़ता है। पटाखे के अलावा भी कई चीजों से प्रदूषण होता है।
पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एके सीकरी ने कह था क्या समग्र दृष्टिकोण अपनाकर प्रदूषण फैलाने वाली हर चीज को प्रतिबंधित कर देना चाहिए या फिर अस्थायी दृष्टिकोण अपनाते हुए केवल पटाखों को ही बैन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिशुओं के लिए प्रदूषण बहुत ज्यादा खतरनाक है। जहरीले पटाखे जलाने से हवा में विषाक्तता बढ़ जाती है।
दिल्ली में मंगलवार को प्रदूषण का स्तर
#Delhi: PM 10 level at 237 and PM 2.5 level at 214, both in 'Poor' category on Air Quality Index (AQI), at Lodhi Road. pic.twitter.com/PjuCggAmEJ
— ANI (@ANI) October 23, 2018
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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