मप्र में ग्रामीणों को आबादी वाली भूमि का मालिकाना हक दिलाने 10 जिलों में होगा सर्वेक्षण

Survey will be conducted in 10 districts to ensure ownership of populated land to villagers in MP
मप्र में ग्रामीणों को आबादी वाली भूमि का मालिकाना हक दिलाने 10 जिलों में होगा सर्वेक्षण
मप्र में ग्रामीणों को आबादी वाली भूमि का मालिकाना हक दिलाने 10 जिलों में होगा सर्वेक्षण

भोपाल 29 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में ग्रामीणों को आबादी वाली भूमि का मालिकाना हक दिलाने के लिए स्वामित्व योजना के तहत पहले साल में 10 जिलों का चयन किया गया है। इन जिलों में सर्वेक्षण कार्य कराए जाने के बाद ग्रामीणों को स्वामित्व अधिकार के दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे जिसके आधार पर उन्हें बैंकों से कर्ज हासिल करना आसान हो जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी तक भारत में ग्रामीण क्षेत्र में आबादी की भूमियों का सर्वेक्षण और अभिलेख का कार्य नहीं किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी आवासीय सम्पत्ति होने पर भी ग्रामीणों की आड़े वक्त पर वे काम नहीं आ पाती थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण भारत की इस समस्या को समझा तथा इतिहास में पहली बार ग्रामीणों को उनकी आबादी भूमि का मालिकाना हक देने के लिये स्वामित्व योजना प्रारंभ की है।

बताया गया है कि इस योजना के पहले साल में प्रदेश के 10 जिलों मुरैना, श्योपुर, सागर, शहडोल, खरगौन, विदिशा, भोपाल, सीहोर, हरदा और डिण्डौरी का चयन किया गया है। शेष जिलों का चयन आगामी वर्षों में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण आबादी क्षेत्र का सर्वे करके अधिकार अभिलेख तैयार किये जायेंगे। ग्रामीण जनता को उनके भूखण्ड पर मालिकाना हक देने के प्रमाण स्वरूप उन्हें स्वामित्व अभिलेख दिए जायेंगे।

बताया गया है कि इस योजना में ऐसे व्यक्ति जो 25 सितम्बर 2018 को आबादी भूमि का उपयोग कर रहे होंगे अथवा उसके पश्चात यदि उन्हें विधिपूर्वक आबादी भूमि आवंटित की गई होगी, तो वे इस योजना के अंतर्गत भू-स्वामित्व अभिलेख प्राप्त करने के पात्र होंगे। ऐसे ग्रामीण जो दखलरहित भूमि पर बसे होंगे, ऐसे प्रकरणों में कलेक्टर जांच कर उक्त भूमियों को आबादी भूमि घोषित कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस योजना से ग्रामीणों को उनकी सम्पत्तियों पर अधिकार अभिलेख एवं स्वामित्व प्रमाण पत्र प्राप्त होंगे। इससे उन्हें सम्पत्तियों पर बैंक ऋण लेना संभव होगा। सम्पत्तियों के पारिवारिक विभाजन तथा सम्पत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया भी सुगम हो जाएगी तथा पारिवारिक सम्पत्ति विवादों में कमी आएगी।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार इस योजना के अमल में पंचायतों की आय में भी वृद्धि होगी। साथ ही पंचायत स्तर पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी तथा शासकीय एवं सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा एवं रखरखाव भी आसान होगा।

Created On :   29 May 2020 7:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story