कांग्रेस विधायकों को फोन पर मिली धमकी, बेंगलुरु से हैदराबाद रवाना

कांग्रेस विधायकों को फोन पर मिली धमकी, बेंगलुरु से हैदराबाद रवाना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार सुबह 5.30 बजे कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की शपथ ले ली। राज्यपाल वजू भाई वाला ने राजभवन में येदियुरप्पा को शपथ दिलाई। बैंगलुरू में बीजेपी ऑफिस और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कर्नाटक में येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। फिलहाल येदियुरप्पा ने अकेले शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल को बाद में शपथ दिलाई जा सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए।
 

 

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जेठलानी ने भी खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

 

देश के सीनियर वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि कर्नाटक के गवर्नर ने वही किया जो उनसे बीजेपी ने कहा। उन्हें इसे बकवास कदम करार दिया। राज्यपाल ने ये फैसला लेकर करप्शन का खुला न्यौता दिया है। राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कही है। 

 

 

 

अमरिंदर ने कहा, गवर्नर संविधान के खिलाफ गए

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

विधानसभा के बाहर धरना देने पहुंचे कांग्रेस विधायक

 

सुबह 9 बजे येदियुरप्पा के शपथ लेते ही रिसॉर्ट में ठहरे सभी कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर धरना देने पहुंच गए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

दोपहर 2 बजे तक बीजेपी को सौंपनी होगी विधायकों की लिस्ट

इससे पहले बुधवार रात को कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर मुख्य राजनीतिक दल कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। रात के 1:45 बजे सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की। इस बेंच में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस सीकरी और जस्टिस बोबडे शामिल थे। मामले में केंद्र सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, बीजेपी की ओर से पूर्व अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सुबह 5.30 बजे कहा कि वह शपथ ग्रहण समारोह में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। हालांकि आज दोपहर 2 बजे तक बीजेपी को विधायकों की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी है। साथ ही शुक्रवार सुबह 10.30 बजे फिर इस मामले की सुनवाई होगी।

 

 


कोर्ट नहीं कर सकता हस्तक्षेप


राज्यपाल के इसी फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने राज्यपाल के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शीर्ष कोर्ट बीजेपी नेता येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से नहीं रोक सकता। कोर्ट ने इस मुद्दे की सुनवाई के लिए कांग्रेस को शुक्रवार की अगली तारीख दी है। वहीं कांग्रेस की तरफ से इस मामले में पैरवी करने वाले वकील ने बताया कि हमने सरकार से 15 मई के उस पत्र को सामने रखने को कहा है, जिसमें येदियुरप्पा ने कर्नाटक में सरकार बनाने का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा था।

 

कांग्रेस ने की राज्यपाल की आलोचना 


कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने आज भाजपा विधायक दल के नेता बी एस येदियुरप्पा को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। राज्यपाल के इस फैसले को चुनौती देने के लिए कांग्रेस उच्चतम न्यायालय पहुंच गई है। राज्यपाल के कदम पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कांग्रेस ने कहा वजुभाई वाला ने संविधान की बजाय भाजपा में अपने मालिकों" की सेवा चुनी और भाजपा की कठपुतली के तौर पर काम किया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टी ने न्यायालय से आज रात ही राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर सुनवाई की मांग की है। उन्होंने कहा हमने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। रजिस्ट्रार से अनुरोध किया है कि आज रात ही इसपर सुनवाई की अनुमति दी जाए। इसके बाद रात डेढ़ बजे इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। 

 

नौ बजे होगा शपथग्रहण समारोह


भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने संवाददाताओं को बताया कि येदियुरप्पा यहां सुबह नौ बजे शपथ लेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है। इससे पहले, कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए पुरजोर प्रयास करते हुए येदियुरप्पा और नवगठित जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के नेता एच डी कुमारस्वामी, दोनों ने ही राज्यपाल वाला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
राज्यपाल के कदम पर प्रतिक्रिया करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा वजुभाई वाला ने राज भवन की गरिमा धूमिल की, संविधान और नियमों की अवहेलना की तथा भाजपा की कठपुतली के तौर पर काम किया। उन्होंने कहा राज्यपाल ने संविधान की बजाय भाजपा में अपने मालिकों (मास्टर्स इन बीजेपी) की सेवा चुनी।

 

राज्यपाल का फैसला पद की गरिमा के अनुरूप नहीं


सुरजेवाला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि राज्यपाल द्वारा लिए जाने वाले फैसले भाजपा मुख्यालय के निर्देश पर लिए जा रहे हैं।  यह राज्यपाल पद की गरिमा को क्षति पहुंचाने वाले हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा राज्यपाल ने येदियुरप्पा को बहुमत जुगाड़ने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। 15 दिन का समय 104 को 112 में बदलने के लिए दिया गया है। उधर भाजपा ने कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल ने बी एस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता देने में संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार कदम उठाया है। उसने कांग्रेस पर जनादेश को लूटने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि वह निश्चित ही विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देगी। उसने चुनाव के बाद बने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को ‘अपवित्र और अस्वीकार्य" बताया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राव ने कहा कि कांग्रेस और जद (एस) के बीच तालमेल सिर्फ भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिये था।


कुमारस्वामी ने राज्यपाल की आलोचना की 


जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता देने के लिये राज्यपाल वाला की आलोचना की और मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया। नाराज कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता मिलने के तुरंत बाद कहा हम इसे आसानी से जाने नहीं देंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि राज्यपाल को येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिये तीन से चार दिन का वक्त देना चाहिये था। उन्होंने कहा येदियुरप्पा के पास बहुमत नहीं है। राज्यपाल के कदम का बचाव करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संविधान के बारे में सीख देने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी पूर्व की सरकारों ने विपक्ष के शासन वाले राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाकर इसका सर्वाधिक उल्लंघन किया। 


 

विधायकों को तोड़ने के लिए धन व पद की पेशकश का आरोप


224 सदस्यीय विधानसभा में 104 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। वहीं, चुनाव के पश्चात बने जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन के 116 विधायक हैं। गठबंधन ने एक निर्दलीय विधायक का समर्थन होने का भी दावा किया है। सबसे बड़ी पार्टी या चुनाव पूर्व या चुनाव बाद बने गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता देने की परंपरा रहने को देखते हुए राज्यपाल वाला ने पहले विकल्प को चुना। वह गुजरात में आरएसएस-भाजपा के बड़े नेता रह चुके हैं।
इससे पहले दिन में कुमारस्वामी ने दावा किया कि भाजपा ने उसके विधायकों को अलग होने और भगवा पार्टी का समर्थन करने के लिये 100-100 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश की है। हालांकि भाजपा ने आरोपों से इनकार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोपों को काल्पनिक बताया। जावड़ेकर ने आरोपों का मजबूती से खंडन करते हुए कहा 100 करोड़ 200 करोड़ की बात काल्पनिक है।

Created On :   17 May 2018 8:34 AM IST

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