सीएम शिवराज की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं 'मीसाबंदियों के ताम्रपत्र'
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के आपातकाल में जेल में बंद रहे मीसाबंदियों को हर माह 25 हजार रुपए सम्मान निधि देने के बाद अब उन्हें ताम्रपत्र भी दिया जाएगा। इस सीएम शिवराज सिंह चौहान बांटेंगे तथा अब सीएम की स्वीकृति का इंतजार है कि वे वितरण की कौनसी तिथि देते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने करीब ढाई हजार ताम्रपत्र तैयार कर लिए हैं। प्रत्येक ताम्रपत्र की कीमत करीब 2 हजार रुपए है।
दीवार पर एक फोटो चित्र की तरह लगाये जाने वाले सवा एक वर्गफुट आकार के इस ताम्रपत्र में मीसाबंदी के आपातकाल में योगदान तथा उसके नाम का भी उल्लेख है। इसके अलावा राज्य सरकार मीसाबंदियों के दे रही सम्मान निधि आदि के बारे में एक विधेयक भी तैयार कर रही है। अभी एक्जीक्युटिव आदेश से मीसाबंदियों को सम्मान निधि, स्वास्थ्य आदि सुविधायें मिलती हैं तथा विधेयक के कानून बनने पर उन्हें कानूनी अधिकार मिल जाएंगे।
उत्तरप्रदेश में वर्ष 2016 में इस प्रकार का कानून बन चुका है। उप्र के कानून का ही मप्र सरकार को प्रारुप दिया गया है। जीएडी द्वारा ताम्रपत्र का वितरण वैसे गत 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में होना था, परंतु किसी कारणवश यह वितरण नहीं हो सका।
मीसाबंदियों के संगठन लोकतंत्र सेनानी संघ ने सीएम की उपचुनाव आदि में व्यस्तता देखते हुये यह भी सुझाव दिया है कि ये तैयार ताम्रपत्र सीधे जिला कलेक्टरों को भेज दिये जायें जहां से जिला कलेक्टर उनके जिले में निवासरत मीसाबंदियों को उनके घर पर जाकर ये ताम्रपत्र भेंट कर दें। समाजवादी रघु ठाकुर और आरएसएस के कुछ जैसे ऐसे मीसाबंदी भी हैं जिन्होंने मीसाबंदी सम्मान निधि लेने से इंकार किया हुआ है। ऐसे लोगों को भी ताम्रपत्र उनके पास जाकर देने का सुझाव दिया गया है।
- सामान्य प्रशासन विभाग अपर सचिव केके कातिया के अनुसार मीसाबंदियों को देने के लिए ताम्रपत्र तैयार हैं तथा प्रत्येक की कीमत करीब दो हजार रुपए है। समारोहपूर्वक इन्हें बांटने के लिए सीएम की स्वीकृति का इंतजार है।
- लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने बताया है कि मीसाबंदियों को स्वातंत्रता सेनानियों की तरह आवासीय योजनाओं में तीन प्रतिशत का आरक्षण दिया जायेगा जिसके लिए राज्य सरकार जल्द प्रावधान करेगी।
- लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय महासचिव सुरेन्द्र द्विवेदी ने मामले में कहा है कि मीसाबंदियों को दी जा रही सुविधाओं के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव है। फिलहाल इस कानून के ड्राफ्ट को वरिष्ठ सचिव समिति ने यह कहकर निरस्त कर दिया है कि इसकी जरुरत नहीं है। अब सीएम से उनकी घोषणा याद दिलाई जाएगी।
Created On :   22 Feb 2018 1:25 PM IST