मप्र को अगले 3 साल में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य : शिवराज

Target to make MP self-reliant in next 3 years: Shivraj
मप्र को अगले 3 साल में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य : शिवराज
मप्र को अगले 3 साल में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य : शिवराज

भोपाल, 7 अगस्त (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदमताल तेज कर दी है। इसके लिए रोडमैप बनाए जाने की तैयारी है, जिसे स्वाधीनता दिवस के मौके पर जनता के सामने रखा जाना है। अगले तीन साल में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्यों की प्राप्ति पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य हासिल करने के मकसद से लोगों के सुझाव लेने के लिए वेबीनार की श्रृंखला शुरू की है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज ने इस मौके पर कहा, मध्यप्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में आगे रहकर देश में अलग उदाहरण प्रस्तुत करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए गत चार माह में किए गए प्रयासों को अब और अधिक व्यवस्थित स्वरूप दिया जा रहा है। इस उद्देश्य से वेबीनार श्रृंखला आज प्रारंभ हुई है।

उन्होंने आगे कहा, आने वाले तीन वर्ष में मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बेहतर रोड मैप की आवश्यकता है जो वेबीनार्स में विद्वानों से प्राप्त सुझाव और मंथन के फलस्वरूप तैयार होगा। इसी सप्ताह इस रोड मैप की खूबियों से प्रदेश की जनता को अवगत करवाया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस पर आमजन, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए तैयार की गई विस्तृत रणनीति को जान सकेंगे। हम अपने संकल्प से तीन साल में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। प्रदेश में त्रिस्तरीय योजना बनाकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में कुछ बड़ी कंपनियां देश में आ सकती हैं, इस दिशा में भी प्रयास किए गए हैं। मध्यप्रदेश में इन कंपनियों का निवेश होने से आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन आएगा। प्रदेश में एक करोड़ 29 लाख मैट्रिक टन गेहूं उपार्जन की उपलब्धि हासिल हुई। यह देश में हुआ सर्वाधिक गेहूं उपार्जन था। मंडी कानून में संशोधन कर उसे अधिक किसान हितैषी बनाया गया। उत्पादों के वेल्यू एडीशन के प्रयास किए गए हैं। बासमती राइस को जीआई टैग दिलाने की लड़ाई मध्यप्रदेश लड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि कृषक कल्याण के लिए कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लोकल को वोकल बनाने के प्रयास भी प्रदेश में हुए हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं की रचनात्मक को प्रोत्साहित किया गया है। अन्य कारीगरों के कौशल के विकास की भी कोशिश की गई है।

मुख्यमंत्री चौहान ने नीति आयोग के प्रतिनिधियों, विशेष रूप से सीईओ अमिताभ कांत और सलाहकार संजय साहा के वेबीनार में दिए गए संबोधन का जिक्र करते हुए आश्वस्त किया कि प्रदेश में त्रिस्तरीय योजना बनाकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति की जाएगी। प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के लक्ष्य के साथ ही वार्षिक लक्ष्य भी प्रत्येक तिमाही में प्राप्त करने की कोशिश होगी।

नीति आयोग के सी़ईओ अमिताभ कांत ने नीति आयोग की ओर से सहयोग दिए जाने का वादा करते हुए कहा कि प्रदेश में एक डेसबोर्ड बनाएंगे, जिसके माध्यम से सभी जिलों की मासिक रैंकिंग की जा सकेगी। साथ ही कौन सा विभाग कैसा कार्य कर रहा है, उसकी जानकारी भी मिलेगी।

नीति आयोग के सलाहकार संजय कुमार साहा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सभी लोगों को 800 मीटर के अंदर परिवहन का कोई न कोई स्टेशन या साधन उपलब्ध होना चाहिए। भूमि अधिग्रहण में अधिक समय लगने से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है और कार्य समय पर नहीं हो पाते।

उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के लिए एक कंसल्टेंट जरूर नियुक्त किया जाए। मध्यप्रदेश में बैटरी प्रोडक्शन की फैक्ट्री लगनी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा, रोड एवं हाईवे, जल, शहरी विकास एवं ट्रैवल एंड टूरिज्म के संबंध में भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

एसएनपी

Created On :   7 Aug 2020 6:30 PM IST

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