सोमवार को मोदी सरकार के खिलाफ 'अविश्वास प्रस्ताव', कई पार्टियों का समर्थन

TDP all set to quit NDA, to support YSRCP’s no-trust motion
सोमवार को मोदी सरकार के खिलाफ 'अविश्वास प्रस्ताव', कई पार्टियों का समर्थन
सोमवार को मोदी सरकार के खिलाफ 'अविश्वास प्रस्ताव', कई पार्टियों का समर्थन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग ठुकराने के बाद अब चंद्रबाबू नायडू ने NDA से अलग होने का फैसला कर लिया है। शुक्रवार को इस बात का औपचारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा। शुक्रवार को संसद में YSR कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ "अविश्वास प्रस्ताव" लाने की तैयारी की थी, लेकिन हंगामे की वजह से लोकसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को TDP ने भी समर्थन दिया था। बता दें कि हाल ही में मोदी कैबिनेट से TDP के दो सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद आंध्र प्रदेश में भी बीजेपी मंत्रियों ने नायडू सरकार से इस्तीफा दे दिया था। 

हंगामे के बाद लोकसभा 19 मार्च तक स्थगित

शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई, तो सबकी नजर मोदी सरकार के खिलाफ आने वाले पहले "अविश्वास प्रस्ताव" पर थी, लेकिन हंगामे की वजह से ऐसा हो न सका। दरअसल, लोकसभा में आज तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के सांसदों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन को सोमवार यानी 19 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। 

आंध्र प्रदेश बीजेपी का अगला त्रिपुरा : बीजेपी

TDP पर पलटवार करते हुए बीजपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि "जनता की राय आंध्र प्रदेश सरकार और TDP के खिलाफ जा रही है। वो खुद को 2019 में हारते हुए देख रहे हैं और अपनी इस हार का दोष हम पर मढ़ना चाहते हैं।" उन्होंने कहा "आंध्र प्रदेश के सीएम को ये समझने में 4 साल क्यों लग गए कि गठबंधन काम नहीं कर रहा है। आंध्र बीजेपी का अगला त्रिपुरा होगा।" वहीं JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि "बड़े गठबंधन में विचारों के मतभेद होते रहते हैं। हालांकि NDA को इससे कोई खतरा नहीं है।"

बीजेपी का गंदा खेल शुरू : TDP

वहीं TDP सांसद जयदेव गाल्ला ने कहा कि "बीजेपी ने अपना गंदा खेल खेलना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने जो तमिलनाडु में जो किया वही अब आंध्र प्रदेश में करने की कोशिश कर रही है। तमिलनाडु में बीजेपी ने छोटी पार्टियों को भड़काकर बड़ी पार्टियों को तोड़ दिया और अब आंध्र प्रदेश में भी वो यही रणनीति अपना रही है।"

अविश्वास प्रस्ताव को कई पार्टियों का समर्थन

YSR कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को कई पार्टियों का समर्थन मिल गया है। TDP के अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स) ने अपना समर्थन देने की बात कही है। हालांकि AIADMK ने अभी साफ नहीं किया है कि वो इस प्रस्ताव को समर्थन देगी या नहीं। 
 



YSR ने गुरुवार को दिया था नोटिस

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग ठुकराए जाने के बाद अब YSR कांग्रेस शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ "अविश्वास प्रस्ताव" लाने वाली थी, लेकिन लोकसभा स्थगित होने के बाद अब इसे सोमवार को पेश किया जाएगा। इसके लिए YSR के 9 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा महासचिव को भी नोटिस दिया है। YSR कांग्रेस, TDP की धुर-विरोधी मानी जाती है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर नायडू ने समर्थन देने का ऐलान किया है। हालांकि TDP अकेले के समर्थन करने से अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हो सकता। इसे पास कराने के लिए YSR-TDP को बाकी पार्टियों के समर्थन की भी जरूरत है। 

 



हमें सत्ता का लालच नहीं, YSR को समर्थन

गुरुवार को YSR कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा महासचिव को नोटिस दिया था। जिसके बाद आंध्र प्रदेश के सीएम और TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू ने भी इस प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया है। विधानसभा में उन्होंने YSR कांग्रेस को समर्थन देने की बात करते हुए कहा कि "TDP, NDA-1 का भी हिस्सा रह चुकी है। हमें सत्ता का लालच नहीं है। वाजपेयी जी ने भी TDP को 6 मंत्रियों का ऑफर किया था, लेकिन हमने उसे स्वीकार नहीं किया था।" नायडू ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय किया है। ऐसे में TDP केंद्र में NDA सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी।


लोकसभा में किसके-कितने सांसद? 

लोकसभा की 545 सीटों में से बीजेपी के 273 सांसद हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 48 सांसद, AIADMK के 37 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 34 सांसद, बीजू जनता दल के 20 सांसद, शिवसेना के 18 सांसद, TDP के 16 सांसद, TRS के 11 सांसद, CPI (M) के 9 सांसद, YSR कांग्रेस के 9 सांसद और समाजवादी पार्टी के 9 सांसद हैं। इनके अलावा 26 छोटी पार्टियों के 58 सांसद हैं, जबकि 5 सीटें अभी भी खाली हैं।

केंद्र से पहले ही अलग हो चुकी है TDP 

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने के बाद TDP के दो मंत्री अशोक गणपति राजू और वाईएस चौधरी ने इस्तीफा दे दिया था। अशोक गजपति राजू मोदी सरकार में एविएशन मिनिस्टक थे, तो वहीं वाईएस चौधरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी स्टेट मिनिस्टर थे। इसके बाद बीजेपी के दो मंत्री कामिनेनी श्रीनिवास और पी मनिकलाया राव ने भी नायडू सरकार से इस्तीफा दे दिया था।

विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते : सरकार

केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पहले ही ठुकरा चुकी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली साफ कह चुके थे कि "हम आंध्र प्रदेश के विकास के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार हैं और हमने राज्य सरकार की हर मुमकीन मदद भी की है लेकिन हम उनकी ऐसी मांगों को नहीं मान सकते, जो नामुमकिन हो।" उन्होंने आगे बताया कि "सिर्फ पिछड़ेपन के आधार पर किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते क्योंकि इस आधार पर तो बिहार,झारखंड जैसे बाकी राज्य भी इस मांग पर अड़ जाएंगे।"

किसे मिलता है विशेष राज्य का दर्जा ?

केंद्र सरकार उन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देती है जिनके इलाके दुर्गम होते हैं। साथ ही प्रदेश का एक खास क्षेत्र इंटरनेशनल बॉर्डर से लगा हो। वह क्षेत्र देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होता है। ज्यादातर पहाड़ी राज्यों को विशेष राज्य दर्जा मिला है। फिलहाल भारत में 29 राज्यों में से 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला है। इसमें पूर्वोंत्तर के लगभग सभी राज्य हैं।

विशेष राज्य का दर्जा मिलने के फायदे

केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले पैकेज में 90 फीसदी रकम बतौर मदद मिलती है। इसमें 10 फीसदी रकम ही बतौर कर्ज होती है। केंद्र सरकार की तरफ से अन्य कई तरह की भी कई सुविधाएं मिलती हैं

Created On :   16 March 2018 10:09 AM IST

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