उप्र : निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा, टिकट बेचने वाले हमें निकाल कैसे सकते

Ten senior Congressmen, expelled from the party targeted State President Ajay Kumar
उप्र : निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा, टिकट बेचने वाले हमें निकाल कैसे सकते
उप्र : निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा, टिकट बेचने वाले हमें निकाल कैसे सकते

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाले गए दस वरिष्ठ कांग्रेसियों ने बिना नाम लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर निशाना साधा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि टिकट ब्लैक में बेचने वाले हमें कैसे निकाल सकते हैं? कांग्रेस के संविधान के अनुसार एआईसीसी सदस्यों को प्रदेश कमेटी निकाल ही नहीं सकती।

प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिए बिना पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहा, जिस कुर्सी पर पुरुषोत्तम दास टंडन और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे लोग रहे, उस पर टिकट ब्लैक करने वाले बैठ गए हैं। अनुशासन समिति में वे लोग हैं, जो खुद अपराधी हैं और कांग्रेस को जानते ही नहीं, वे हमें कैसे निकाल सकते हैं।
उन्होंने कहा, सिर्फ केंद्रीय अनुशासन समिति को संस्तुति कर सकती है। अनुशासन के मामलों में सहमति या असहमति जताने का अधिकार महासचिव प्रियंका वाड्रा को भी नहीं है। हमारा निष्कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है।

वरिष्ठजन ने कहा कि किसी को भी नोटिस ही नहीं मिला तो जवाब कैसे दे सकते थे। फिर समिति असंतुष्ट कैसे हो गई। तय किया गया कि अब प्रदेशभर में अभियान चलाकर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मंथन करेंगे। साथ ही असली कांग्रेस, वर्तमान कांग्रेस के सामने खड़ी होगी।

वरिष्ठजनों ने कहा कि कांग्रेस में घुसपैठियों का प्रवेश हो गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से की है।

वरिष्ठ नेताओं ने लखनऊ प्रेस क्लब में कहा, जिनके ऊपर संगीन मुकदमे चल रहे हों, जिनका आपराधिक इतिहास रहा हो, वे आज हमें कांग्रेस से निकलने को कह रहे हैं। सोनिया गांधी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। वह आम कांग्रेसियों के मन की बात सुनें, वरना हम सड़क पर उतरकर कांग्रेस के लिए संघर्ष करेंगे।

उन्होंने कहा, हम यूथ राजनीत का विरोध कैसे कर सकते हैं। हमने कभी प्रियंका गाांधी की नौजवान टीम का विरोध नहीं किया। यदि सच कहना बगावत है तो समझो हम बागी हैं।

सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा, मीडिया के माध्यम से यह पता चला कि हम लोगों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है। निष्कासन से कम से कम सात दिन पहले नोटिस जारी किया जाता है। हम लोगों को 24 घंटे का समय मिला, यह असंवैधानिक है।

ज्ञात हो कि हाईकमान के निर्देश पर नोटिस देने के बाद अनुशासन समिति ने 11 में से 10 कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन पार्टीजनों ने पिछले दिनों पूर्व सांसद संतोष सिंह के आवास पर बैठक कर अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताई थी।

इसके बाद प्रियंका वाड्रा के निर्देश पर 21 नवंबर को अनुशासन समिति ने बैठक में शामिल ग्यारह सदस्यों को नोटिस देकर चौबीस घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा था। रविवार को अनुशासन समिति ने इनमें से 10 वरिष्ठ कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।

Created On :   26 Nov 2019 12:34 AM IST

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