यूपी में बिजली के बढ़ते बिलों और मीटरों का आतंक व्याप्त : प्रियंका

Terrorism of rising electricity bills and meters spread in UP: Priyanka
यूपी में बिजली के बढ़ते बिलों और मीटरों का आतंक व्याप्त : प्रियंका
यूपी में बिजली के बढ़ते बिलों और मीटरों का आतंक व्याप्त : प्रियंका
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लखनऊ, 6 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते बिजली के बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बिजली के बढ़ते बिलों और बिजली मीटरों का आतंक व्याप्त है।

प्रियंका ने शुक्रवार को अपने जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश तो बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है। बिजली के मीटर कई गुना तेज चलते पाए गए हैं। जिन घरों में ताले लगे हुए हैं, बिजली की कोई खपत नहीं हुई है, उन घरों में सात-आठ हजार रुपये तक का बिल आ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में तो यह भी देखा गया कि बिना बिजली के मीटर लगे ही बिल आ गए। प्रियंका ने कहा कि यूपी में बिजली के बढ़ते बिलों और मीटरों का आतंक व्याप्त है। पिछले कुछ वर्षों में बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है।

प्रियंका ने कहा कि पिछले आठ साल में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 500 फीसदी, शहरी घरेलू बिजली की दरों में 84 फीसदी और किसानों को मिलने वाली बिजली की दरों में 126 फीसदी की वृद्धि हुई है। पूरे प्रदेश में बिजली के बढ़ते रेट से हाहाकार मचा हुआ है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जनता महंगाई की मार से त्रस्त है। छोटे कारोबारियों का व्यापार चौपट हो गया है। किसानों की फसलों की खरीद नहीं हो रही है। बाढ़, ओला एवं प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उनकी कोई मदद नहीं होती। फसल बीमा योजना बड़ी कम्पनियों की कमाई का साधन बनकर रह गई है। ऐसी स्थिति में बिजली के लगातार बढ़ रहे दाम, मीटरों की अनियमितताओं की मार उपभोक्ता अब नहीं सह सकते हैं।

प्रियंका ने कहा कि इस महामारी में होना तो यह चाहिए कि बिजली बिलों की दरों में बड़े पैमाने पर कमी करके जनता को राहत दी जाती। किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाते। बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली बिल भुगतान में रियायत मिलती।

प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों को मिल रही बिजली का रेट तत्काल प्रभाव से हाफ किया जाए। बिजली मीटर घोटाले का सच सामने लाया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली भुगतान में रियायत दी जाए।

विकेटी-एसकेपी

Created On :   6 Nov 2020 7:01 AM GMT

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