भिखारियों को सिखाया जाएगा काम करने का हूनर

The beggars will be taught the skills of working in Mumbai.
भिखारियों को सिखाया जाएगा काम करने का हूनर
भिखारियों को सिखाया जाएगा काम करने का हूनर


डिजिटल डेस्क ।  आपने हमारे देश की सड़कों पर अक्सर भिखारियों को देखा होगा और कई बार आपने भीख भी दी होगी। वहीं कुछ लोगों ने उन भिखारियों को दुत्कारा भी होगा, लेकिन किसी ने कभी ये नहीं सोचा होगा कि आखिर वो भिखारे क्यों बने? वहीं किसी ने भी उन्हें काम करने की सलाह देने की बजाए, उन्हें काम सिखाने के बारे में नहीं सोचा होगा। ये पढ़ कर आपको अजीब लगेगा कि भिखारियों को कौन काम सिखाता है, लेकिन ऐसी ही नई सोच लेकर आई है महाराष्ट्र सरकार। दरअसल राज्य की राजधानी और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में राज्य सरकार स्किल डिवेलपमेंट के जरिए भिखारियों का जीवन सुधारने की तैयारी कर रही है। इसके जरिए भिखारियों को रोजगार देने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें उनकी क्षमता के मुताबिक रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। 

चैरिटी कमिशन से जुड़े अधिकारी शिवकुमार दिघे ने बताया, भिखारियों के जीवन में सुधार लाने के लिए ये पहल की जा रही है। इससे न केवल भिखारियों को इज्जत से दो पैसे कमाने का मौका मिलेगा बल्कि भिखारियों के नाम पर चलने वाले रैकेट पर भी रोक लगेगी। 

 

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कब होगी शुरुआत ?

इस योजना की शुरुआत मार्च महीने से होगी। जिसकी शुरुआत राजधानी मुंबई से होगी। मुंबई से इसकी शुरुआत करने का एक कारण ये ही मुंबई शहर में भिखारियों के रैकेट सबसे ज्यादा मौजूद हैं, ह्यूमन ट्रेफिकिंग के मामले किसी भी अन्य शहर से ज्यादा यहीं दर्ज किए जाते हैं। इसलिए   भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत मुंबई से की जाएगी। इस योजना के मद्देनजर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।  भिखारियों को नौकरी के काबिल बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से उन्हें तैयार किया जाएगा। अधिकारी के मुताबिक, राज्य में तकरीबन 50 हजार, जबकि मुंबई में 20 हजार के आस-पास भिखारी हैं। 

 

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कैसे जमीन पर आएगी योजना?

इस बाबत अधिकारी ने कहा, "कई बार मजबूरी तो कई बार परिवार के दबाव की वजह से लोगों को दूसरों के सामने हाथ फैलाने पड़ते हैं। इसके बाद, ये लोग इस दलदल से बाहर नहीं निकल पाते। ऐसे में हमने पहले उनकी काउंसलिंग करने का फैसला किया है। 18 साल की उम्र से कम के भिखारियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए हम प्रयास करेंगे और इसके ऊपर की उम्र वाले लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में काम किया जाएगा।

 

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कौनसे काम सिखाए जाएंगे?

भिखारियों को रोजगार देने के लिए महिला बाल विकास मंत्रालय, पुलिस, NGO आदि के साथ मिलकर काम किया जाएगा। शुरुआती स्तर में भिखारियों की पहचान कर उन्हें चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद, उनकी जरूरत के अनुसार काउंसिलिंग कर नौकरी या पढ़ने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। सुरक्षाकर्मी, गार्डनर, सिलाई-कढ़ाई जैसे कई तरह के कामों के लिए उन्हें तैयार किया जाएगा। बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने बेघरों को नौकरी और पेशेवर बनाने के लिए स्किल डिवेलपमेंट के तहत प्रशिक्षण देने की बात कही थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी से प्रभावित होकर महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला लिया है। 
 

Created On :   11 Feb 2018 11:43 AM IST

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