भोपाल में फेथ बिल्डर के छापों के पीछे की बड़ी कहानी

The big story behind Faith Builders raids in Bhopal
भोपाल में फेथ बिल्डर के छापों के पीछे की बड़ी कहानी
भोपाल में फेथ बिल्डर के छापों के पीछे की बड़ी कहानी

भोपाल, 24 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी में आयकर विभाग की टीमों के फेथ बिल्डर के दफतर और उससे जुड़े लोगों के कई स्थानों पर दी गई दबिश के बाद पर्दे के पीछे की बड़ी कहानी सामने आने लगी है। जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक बड़े रसूखदार नौकरशाहों पर भी आंच आने के आसार बनने लगे हैं।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों आयकर विभाग की टीमों ने फेथ बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर के ऑफि स सहित उसके और उससे जुड़े पियूष गुप्ता के कई ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी। कहा तो यह जा रहा है कि आयकर विभाग को जो दस्तावेज मिले हैं, उसके मुताबिक सौ से ज्यादा संपत्तियों का ब्यौरा उसके हाथ लगा है।

आयकर के छापों के बाद जो बातें सामने आई है वह चौंकाने वाली है। बताया जा रहा है कि राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ पहले लोकायुक्त में शिकायत की गई थी। इसमें संपत्ति और निवेश का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया गया था। इतना ही नहीं यह मामला भारत सरकार के प्रवर्तन निदेषालय तक गया। उसके बाद छानबीन हुई और यह पाया गया कि भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में सौ से अधिक संपत्तियों में निवेश किया गया है।

सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग को भोपाल में रातीबढ़ में लगभग दो सौ एकड़ क्षेत्र में क्रिकेट स्टेडियम है, इसके अलावा 20 से ज्यादा आवासीय भूखंड, सात फ्लैट, छह मकान, होटल, रिसोर्ट एवं आवासीय परियोजनाएं, शापिंग मॉल, दुकानें आदि में निवेश की पुष्टि हुई है। उसके बाद ही छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

आयकर विभाग के सूत्रों का दावा है कि जिस बेनामी संपत्ति का पता चला है उसमें से कई संपत्तियों को राजसात भी किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बेनामी प्रॉपर्टी टांजेक्शन एक्ट में वर्ष 2016 में कें द्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन से बेनामी संपत्ति को राजसात करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी की तैनाती भी की गई है। संपत्ति राजसात की प्रक्रिया को ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर का अधिकारी आयकर के प्रतिवेदन के पंद्रह दिन बाद अंजाम दे सकता है।

सूत्रों की मानें तो प्रवर्तन निदेशालय को जो शिकायत की गई है उसमें भोपाल के अलावा इंदौर, लखनऊ, मुम्बई, मंसूरी, गोवा, दिल्ली में भी बेनामी संपत्तियां और बेनामी कंपनियों का ब्यौरा भी दिया गया है। इस पर भी कार्रवाई आगामी समय में संभावित है। इस शिकायत में एक गठजोड़ की तरफ भी इशारा किया गया है।

आयकर के छापों में जिन संपत्तियों का खुलासा हुआ है उनमें भोपाल में एक होटल की खरीदी का मामला भी विवादों में है। बताया जा रहा है कि यह होटल बैंक से कर्ज लेकर एक व्यक्ति ने बनाया, वह कर्ज नहीं चुका पाया तो उसको बैंक ने जब्त कर नीलामी की प्रक्रिया अपनाई। जब उसका मूल्यांकन कराया गया तो होटल की स्थिति को ही बदल दिया गया, ताकि संपत्ति की कीमत को कम आंका जा सके, जिससे होटल की कीमत मे बड़ा बदलाव आ गया, परिणामस्वरुप होटल कम कीमत पर बिका, साथ ही राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी हुई। इस मामले की जांच लंबित है।

एसएनपी-एसकेपी

Created On :   24 Aug 2020 9:30 AM GMT

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