सीसीडी संस्थापक ने लापता होने से पहले लिखा, मैं असफल हो गया

The CCD founder wrote before it went missing, I failed
सीसीडी संस्थापक ने लापता होने से पहले लिखा, मैं असफल हो गया
सीसीडी संस्थापक ने लापता होने से पहले लिखा, मैं असफल हो गया
हाईलाइट
  • पुलिस का मानना है कि सिद्धार्थ ने नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली
  • रिटेल श्रृंखला कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के लापता संस्थापक वी.जी. सिद्धार्थ ने कथित रूप से अपने कर्मियों के लिए एक पत्र लिखा था
  • जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है
बेंगलुरू, 30 जुलाई (आईएएनएस)। रिटेल श्रृंखला कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के लापता संस्थापक वी.जी. सिद्धार्थ ने कथित रूप से अपने कर्मियों के लिए एक पत्र लिखा था, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस का मानना है कि सिद्धार्थ ने नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली।

आईएएनएस पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहा है, लेकिन पत्र में लिखा है, हमारे निदेशक मंडल और कॉफी डे परिवार, 37 साल बाद, कठोर मेहनत करने की मजबूत प्रतिबद्धता और अपनी कंपनियों तथा उनकी सहायक कंपनियों में 30,000 रोजगार तथा प्रौद्योगिकी कंपनी में और 20,000 रोजगार पैदा करने और अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिशों के बावजूद, मैं मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल बनाने में नाकाम रहा हूं।

आगे लिखा है, मैं कहना चाहूंगा कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। मुझ पर विश्वास करने वाले सभी लोगों को निराश करने लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं बहुत लड़ा लेकिन आज मैं हार मानता हूं, क्योंकि एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर के मुझ पर मेरे शेयर वापस लेने का दवाब और नहीं झेल सका, जिसके कुछ अंश का लेन-देन मैंने छह महीने पहले एक दोस्त से कर्ज लेकर पूरा किया था। अन्य कर्जदारों के दवाब के कारण भी मैं इस स्थिति में आया हूं। हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयरों को जब्त कर और उसके बाद कॉफी डे के शेयरों पर कब्जा कर आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी ने भी मेरा बहुत उत्पीड़न किया, हालांकि हमने संशोधित रिटर्न भरा।

मैं आप सभी से मजबूत रहने और इन व्यापारों को नए प्रबंधन के साथ जारी रखने का आग्रह करता हूं। सभी गलतियों के लिए सिर्फ मैं ही जिम्मेदार हूं। प्रत्येक वित्तीय लेन-देन मेरी जिम्मेदारी है। मेरी टीम, ऑडीटर और वरिष्ठ प्रबंधन को मेरे किसी लेन-देन की कोई जानकारी नहीं है। मैंने यह जानकारी अपने परिवार समेत सभी लोगों से छिपाई, इसलिए कानूनी रूप से मैं, सिर्फ मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं।

मेरी मंशा कभी किसी को धोखा देने या गलतफहमी में रखने की नहीं थी, मैं एक उद्यमी के तौर पर असफल रहा। यही मेरा कबूलनामा है। उम्मीद है कि आप कभी समझेंगे, मुझे माफ कर दें।

मैं अपनी संपत्तियों और प्रत्येक संपत्ति की अस्थायी कीमत की सूचियों को इसके साथ संलग्न कर रहा हूं। जैसा कि हमारी संपत्ति दी गई है, यह देनदारों को चुकाने में पूरी मदद करेगी।

सादर,

वी.जी. सिद्धार्थ

27/7

मंगलुरू के पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, आशंका है कि सिद्धार्थ मंगलुरू के निकट नेथरावती नदी में कूद गए होंगे, हालांकि व्यापक तलाशी अभियान के बावजूद उनका शव अभी बरामद नहीं हुआ है।

इससे पहले सिद्धार्थ (60) के कार चालक बासवराज पाटिल ने मंगलुरू में एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था कि उनके मालिक पुल से लापता हो गए थे, जहां वह कार से उतरे थे और कुछ देर टहलना चाहते थे।

दर्ज शिकायत के अनुसार, सिद्धार्थ नेथरवती नदी के पुल पर कार से उतर गए और यह कहकर कि वह थोड़ी देर सैर करना चाहते हैं, उसे पुल के दूसरे छोर पर इंतजार करने के लिए बोलकर चले गए, लेकिन एक घंटे बाद भी नहीं लौटे।

--आईएएनएस

Created On :   30 July 2019 11:30 AM GMT

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