मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को लेकर हुए 2 दिवसीय कार्यक्रम का समापन

The conclusion of the 2-day program on multi-modal connectivity
मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को लेकर हुए 2 दिवसीय कार्यक्रम का समापन
पीएम गति शक्ति मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को लेकर हुए 2 दिवसीय कार्यक्रम का समापन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए महत्वाकांक्षी पीएम गति शक्ति - राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के शुभारंभ से जुड़े दो दिवसीय कार्यक्रम का गुरुवार को समापन हो गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन, गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि सरकार जो कुछ भी कर रही है, उसमें सुगमता की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने मेट्रो रेल का उदाहरण देते हुए कहा कि जब तक मेट्रो स्टेशन की आवासीय कॉलोनी तक पहुंच नहीं होगी, आम आदमी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

अपनी समापन टिप्पणी में प्रत्येक आधारभूत संरचना परियोजना की योजना बनाने में एकीकृत सोच की आवश्यकता पर बल देते हुए अरमाने ने कहा, योजना बनाते/अवधारणा करते समय विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सोच में एकता आनी चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है, जिसे प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया, जिसके लिए उन्होंने हमें एक डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया, जो विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की अवधारणा और योजना बनाने का एक एकीकृत तरीका प्रदान कर सकता है। राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मजबूत करना विषय पर आयोजित ब्रेकआउट सत्र में एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा, एपीएम टर्मिनल पीपावाव के एमडी जैकब फ्रिस सोरेनसेन और एनएचबीएफ के अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल सहित उद्योग जगत के 50 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

चर्चा के दौरान अपर सचिव (राजमार्ग) अमित कुमार घोष, मंत्रालय के संयुक्त सचिव (लॉजिस्टिक्स) सुमन प्रसाद सिंह और संयुक्त सचिव एवं एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने भी अपनी-अपनी बातें रखीं। चर्चा के दौरान 3 विषयों पर कई तरह के सुझाव आए, जिनके कार्यान्वयन के लिए मंत्रालय द्वारा उनका विश्लेषण किया जा रहा है।

बता दें कि बुधवार को इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा था कि भारत के लोग, भारतीय उद्योग, भारतीय व्यवसाय, भारतीय निर्माता, भारतीय किसान गति शक्ति अभियान के केंद्र में हैं। उन्होंने कहा था कि यह 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिए भारत की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को नई ऊर्जा देगा और उनके रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रगति के लिए इच्छा, प्रगति के लिए काम, प्रगति के लिए धन, प्रगति के लिए योजना और प्रगति के लिए वरीयता को बढ़ावा देकर अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए विभागों में समग्र और एकीकृत विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था।

(आईएएनएस)

 

Created On :   15 Oct 2021 12:00 AM IST

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