दुनिया के सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में, पाकिस्तान से भी चार गुना ज्यादा

दुनिया के सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में, पाकिस्तान से भी चार गुना ज्यादा
हाईलाइट
  • भारत के बाद नाइजीरिया और पाकिस्तान का नंबर
  • विश्व के एक तिहाई अविकसित बच्चे भारत में
  • विश्व के कुपोषित बच्चों की आधी आबादी इन 3 देशों में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व के अविकसित बच्चों में एक तिहाई संख्या भारतीय बच्चों की है, जिसके कारण कुपोषण के मामले में भारत नंबर वन पर आ गया है। बच्चों के पोषण और विकास के मामलों में भारत काफी पीछे है। ये जानकारी 2018 में जारी हुई वैश्विक पोषण रिपोर्ट (ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट) में सामने आई है। जानकारी हैरान कर देने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक अल्पविकसित, अविकसित और ओवरवेट बच्चों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में विश्व के 31 प्रतिशत कुपोषित बच्चे रहते हैं। 


इंडोनेशिया और पाकिस्तान भी भारत से पीछे
कुपोषण के मामले में भारत की स्थिति चिंताजनक है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 150.8 मिलियन (15.8 करोड़) बच्चें अविकसित हैं। इनमें से 46.6 मिलियन (4.66 करोड़) बच्चे सिर्फ भारत में हैं। ये रिपोर्ट भारत के लिए चिंताजनक संकेत दे रही है। भारत के बाद नाइजीरिया का नंबर है, यहां 13.9 मिलियन (1.39 करोड़) बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इसके बाद पाकिस्तान का नंबर है। पाकिस्तान में 10.7 मिलियन (1.7 करोड़) बच्चे अविकसित हैं। विश्व के सभी कुपोषित बच्चों की संख्या का आधा हिस्सा इन तीन देशों में ही रहता है। 


अमेरिका और चीन में भी कुपोषण
इस रिपोर्ट को इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के अध्ययन के आधार पर बनाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के 15.08 करोड़ बच्चे वैश्विक स्तर पर स्टंटिड और 5.05 करोड़ बच्चे वैस्टिड (उम्र के हिसाब से वजन में कमी) से पीड़ित हैं। इसके अलावा 3.83 करोड़ बच्चे ऐसे हैं, जो कुपोषण के कारण ओवरवेट के शिकार हैं। एक और हैरान कर देने वाला तथ्य यहा है कि इस रिपोर्ट में अमेरिका और चीन जैसे विकसित देशों का नाम भी शामिल है। इसके अलावा मिस्र और ब्राजील सहित दुनिया के 124 देश इस रिपोर्ट में शामिल हैं। ये अध्ययन दुनिया के 141 देशों पर किया गया था, जिसमें करीब 88 फीसदी देश कुपोषण के शिकार मिले हैं।


क्या हैं स्टंटिड और वैस्टिड में अंतर
लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व न मिलने और इंफेक्शन का शिकार होने के कारण स्टंटिड (उम्र के मुताबिक लंबाई कम होने की समस्या) होती है, जबकि लंबाई के मुताबिक वजन बेहद कम होने पर उसे वैस्टिड (भुखमरी) का संकेत माना जाता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण वैस्टिड ही है। 


सबसे ज्यादा कमजोर बच्चे भारत के
ग्लोबल रिपोर्ट में भारत में कुपोषण की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सभी राज्यों में अविकसित बच्चों का अनुपात एक सा नहीं है। भारत के 604 जिलों में से 239 में ही 40 फीसदी से ज्यादा अविकसित बच्चे रहते हैं। कुछ जिलों में इसकी संख्या 65.1 फीसदी तक है तो कुछ में 12.4 प्रतिशत तक है। कमजोर बच्चों में भी भारत का स्थान सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक 2005-06 की तुलना में ऐसे बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा वजन और लंबाई कम होने की समस्या भी भारतीय बच्चों में ज्यादा है। भारत मे 25.4 मिलियन (2.54 करोड़) बच्चे कमजोर हैं। इसके बाद 3.4 मिलियन (34 लाख) कमजोर बच्चों के साथ नाइजीरिया दूसरे नंबर पर है। 
 

Created On :   30 Nov 2018 3:23 AM GMT

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