भारत में निर्मित हेलिकॉप्टर रुद्र की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में होगी तैनात 

The first squadron of India-made helicopter Rudra will be stationed in Jodhpur.
भारत में निर्मित हेलिकॉप्टर रुद्र की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में होगी तैनात 
ताकत में इजाफा भारत में निर्मित हेलिकॉप्टर रुद्र की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में होगी तैनात 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में निर्मित अटैकर हेलिकॉप्टर रुद्र की भारत के सबसे बड़े और ताकतवर जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर तैनाती होने वाली है। जोधपुर में तैनात होने वाला यह लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) का देश का पहला स्क्वाड्रन होगा। सेना को जून 2022 में इसकी स्क्वाड्रन मिल चुकी है। 8 अक्टूबर 2022 को वायु सेना दिवस पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 10 हेलीकॉप्टर प्राप्त होने जा रहे हैं। इससे पश्चिमी सीमा की वायु सेना में इजाफा होगा। पांच साल पहले स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकाप्टर का पहला स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात किया जाएगा।

भारत-पाक और भारत-चीन सीमा पर रखेगा नजर 

रुद्र को भारत-पाक और भारत-चीन जैसी संवेदनशील सीमाओं पर निगरानी रखने के लिए तैनात किया जाएगा। इसकी खासियत यह सियाचिन की चोटी पर उतर सकता है। इसके फ्रंट में गन भी है।

बता दें, भारतीय सेना ने बेंगलुरु में 1 जून को हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों का पहला स्क्वाड्रन बनाया था। जानकारी के मुताबिक,  इसे अगले साल और बढ़ाया जाएगा, ताकि यह एलएसी पर चीन की नापाक हरकतों पर नजर रख सके और उन पर विराम लगाया जा सके। सेना के अनुसार, वह अब 95 और एलसीएच खरीदेगी। इनमें से सात यूनिट बनाई जाएंगी और उन्हें सात पहाड़ी इलाकों में तैनात किया जाएगा।

भारत में निर्मित हेलिकॉप्टर रुद्र की खासियत 

  • रुद्र की रफ्तार अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा है और रेंज 550 किलोमीटर है
  • यह हेलीकॉप्टर लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है
  • यह अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है
  • इसमें 20 mm की गन है, जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमला कर सकती है
  • इसमें चार हार्डप्वाइंट्स हैं, जिनमें रॉकेट्स, मिसाइल और बम एक साथ लगाए जा सकते हैं

इस हेलिकॉप्टर में लगे अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से दुश्मन छिपने और हमला करने में कामयाब नहीं हो पाएगा। किसी मिसाइल का निशाना बनते ही ये सिस्टम इस हेलिकॉप्टर को इसकी सूचना दे देते हैं। इसके अलावा इसमें एक रडार और लेजर वार्निंग सिस्टम भी लगाया गया है। इसमें शाफ्ट और फ्लेयर डिस्पेंसर भी हैं, जिससे दुश्मन की मिसाइलों और रॉकेटों को हवा में नष्ट किया जा सकता है।

लद्दाख में दो LCH तैनात हैं

भारतीय वायुसेना के लिए पूरी तरह तैयार होने से पहले इन स्वदेशी  LCH हेलीकॉप्टरों का सियाचिन ग्लेशियर से राजस्थान के रेगिस्तान तक परीक्षण किया जा चुका है। इस दौरान एलसीएच में पर्याप्त मात्रा में ईंधन और हथियार भी लगे हुए थे। औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल होने से पहले ही पूर्वी लद्दाख से सटे LAC पर दो LCH हेलीकॉप्टर तैनात किए जा चुके हैं।

Created On :   31 Aug 2022 11:03 AM IST

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