भारत को अमेरिका से सीखने की जरूरत : सुरेश प्रभु

भारत को अमेरिका से सीखने की जरूरत : सुरेश प्रभु


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में चल रहे तीन दिवसीय 6वें अमेरिका-भारत विमानन शिखर सम्मेलन का शुक्रवार को समापन है। 9 मई से चल रहे शिखर सम्मेलन में भारत का अनुमानित उड्डयन विकास, विमानन सुरक्षा, विमानन और रनवे सुरक्षा पर सत्र आयोजित किए गए। शुक्रवार को सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आपसी हित के कई क्षेत्र हैं जिन मुद्दों पर हमें चर्चा करने की आवश्यकता है, वे यात्री विमान और ड्रोन बनाने की तकनीक को लेकर हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में हर स्‍तर पर तकनीकी और अन्‍य सेवाओं की आवश्‍यकता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां अमरीका से भारत सीखने की स्थिति में है। उन्‍होंने कहा कि भारत ने ड्रोन की तकनीक को लेकर पहले भी प्रस्‍ताव रखा है। 

 

 

इससे पहले गुरुवार को विमानन शिखर सम्मेलन में नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने कहा कि एयर इंडिया विनिवेश में लोगों की विशेष रुचि है। "ये एयर इंडिया के लिए काफी फायदेमंद डील है।" उन्होंने कहा कि किसी भी अमेरिकी वाहन ने एयर इंडिया के लिए औपचारिक हित व्यक्त नहीं किया था। मुनाफे में चल रही एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा संयुक्त उद्यम एआइएसएटीएस का भी विनिवेश किया जाएगा। एआइएसएटीएस राष्ट्रीय एयरलाइन और सिंगापुर की सैट्स लिमिटेड का समान भागीदारी वाला संयुक्त उद्यम है।

आरएन चौबे ने कहा, कि काम निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप जारी है। 2019 तक काम पूरा करने की जिम्मेदारी को पूरा करना हमारे लिए मुश्किल जरूर है, लेकिन हम कोशिश करेंगे। बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में हवाई अड्डे के लिए आधारशिला रखी थी, जो मुंबई में एकल रनवे और स्लॉट की कमी वाले छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को थोड़ी राहत प्रदान करेगा।  

 

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भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी द्वारा अगले महीने मुंबई में एक तकनीकी, नीतिगत और वाणिज्यिक मंच के रूप में भारत-अमेरिका उड्डयन सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस शिखर सम्मेलन में भारत का अनुमानित उड्डयन विकास, विमानन सुरक्षा, विमानन और रनवे सुरक्षा पर सत्र भी आयोजित किए गए।

Created On :   11 May 2018 12:32 PM IST

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