..इसलिए हिंदुस्तानी हुकूमत की नजरों में छा गयी दिल्ली पुलिस (आईएएनएस विशेष)

Therefore, Delhi Police got caught in the eyes of Hindustani rule (IANS Special)
..इसलिए हिंदुस्तानी हुकूमत की नजरों में छा गयी दिल्ली पुलिस (आईएएनएस विशेष)
..इसलिए हिंदुस्तानी हुकूमत की नजरों में छा गयी दिल्ली पुलिस (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना से जूझते जमाने की भीड़ में तमाम दुश्वारियां ढोते हुए भी दिल्ली पुलिस ने हुकूमत और हुक्मरानों से लेकर जन-मानस तक में अपनी सकारात्मक छवि का लोहा मनवा लिया। इसके पीछे हैं दिल्ली पुलिस के वे अनगिनत भागीरथ प्रयास, जिनके चलते आज महकमे के कई पुलिस कर्मचारी खुद भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। एक अदद इस उम्मीद में कि, दिल्ली पुलिस के प्रयासों से अगर कोरोना संक्रमण से कुछ लोगों को बचाया जा सके, तो खाकी इससे बड़ा धर्म कब और कौन सा निभायेगी
?

तमाम वजहों में से शायद ऐसी ही कुछ गिनी-चुनी मगर महत्वपूर्ण दो तीन वजहें, हिंदुस्तानी हुकूमत की नजरों में दिल्ली पुलिस को रातों-रात ले आयीं। पहली वजह, दिल्ली पुलिस द्वारा लॉकडाउन या बंदी के इस दौर में देश की राजधानी दिल्ली में जरुरतमंदों को 145 टन के करीब अन्न, राशन-पानी का आपूर्ति किया जाना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी तक इन दुश्वार दिनों में दिल्ली पुलिस की ईमानदार कोशिशों की चर्चा पहुंची तो उन्होंने भी राजधानी पुलिस के एक-एक कर्मचारी का तहेदिल से आभार प्रकट किया, बाकायदा अपने अपने ट्विटर हैंडल पर।

पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव का भी इस अभूतपूर्व सेवा-उपलब्धि पर खुद को गौरवान्वित महसूस करना लाजिमी था। सो उन्होंने मातहत अफसर-पुलिस कर्मचारी के प्रति इस सम्मान के लिए खुले दिल-मन से कृतज्ञता प्रकट करने में देर नहीं की। हिंदुस्तानी हुकूमत से हासिल शाबाशी को उन्होंने भी तुरंत ट्विटर हैंडल पर सार्वजनिक रूप से अपनों के बीच बांटा।

दिल्ली पुलिस के जवानों का खुद को कोरोना की चपेट में लाने के बाद भी, इस तरह के सेवा-भाव और जिंदादिली से गदगद केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने तो अपने ट्विटर हैंडल पर यहां तक लिखा कि, सन 1948 से अब तक आई तमाम मुसीबत की घड़ियों में कोरोना के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही मानवीय सेवा, अब तक की सबसे अद्भुत सेवा है।

मुसीबत के इस दौर में दिल्ली पुलिस महकमे के मजबूत इरादे, कोमल सोच, सहयोगी भावना आदि के कई चेहरे सामने आये। वो चाहे ख्याला थाना इलाके की रघुवीर नगर पुलिस चौकी स्टाफ द्वारा पुलिस जिप्सी में मोबाइल टार्च की रोशनी में रात के वक्त एक महिला की प्रसव पीड़ा कराने का मामला हो, या फिर दिल्ली के दूर दराज इलाकों में दिन रात पुलिस नियंत्रण कक्ष को मिली सूचनाओं के बाद करीब 500 गर्भवती महिलाओं को तत्काल पीसीआर वाहनों से अस्पतालों में दाखिल कराने की बात। 23-24 दिन के अंदर इतनी बड़ी तादाद में दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष की जिप्सियों द्वार गर्भवती महिलाओं को सैकड़ों अस्पतालों में ले जाकर दाखिल कराये जाने की पुष्टि आईएएनएस से बातचीत में डीसीपी शरत कुमार सिंहा भी करते हैं।

मध्य दिल्ली जिले का चांदनी महल थाना तो कोरोना की चपेट में तकरीबन पूरा ही आ चुका है। यहां पुलिस ने सबसे ज्यादा 18 मसजिदों से करीब 100 से ज्यादा तबलीगी पकड़कर, समाज के बाकी हजारों-लाखों लोगों को कोरोना की चपेट में आने से बचा लिया। यह अलग बात है कि, इन भागीरथी प्रयासों में चांदनी महल थाने के तीन पुलिसकर्मी खुद कोरोना पॉजिटिव होने का दंश झेल रहे हैं। एसएचओ सहित 68 पुलिसकर्मियों में से भी अधिकांश क्वारंटाइन हो चुके हैं अपने ही थाने के अंदर। आईएएनएस से बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि डीसीपी सेंट्रल संजय भाटिया ने भी की।

इसी तरह दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले के सरिता विहार थाने के एडिश्नल एसएचओ इंस्पेक्टर (एटीओ) सुमन कुमार भी दिल्ली पुलिस में कोरोना-हीरो की तरह निकल कर सामने आये। जब उन्होंने आधी रात के वक्त बारिश में भीगते हुए दूसरे राज्य से आये लोगों के खाने का इंतजाम किया। आधी रात को सरिता विहार आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों की मदद से।

दक्षिणी परिक्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश कुमार श्रीवास्तव ने कोरोना की जंग जीतने की खातिर अगर अपने अधीन दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी जिलों में शराब तस्करों के खिलाफ अभियान छेड़ा तो वहीं इन दोनों जिलों में रोजाना हजारों की तादाद में लोगों को घर-घर भोजन पैकेट, कच्चा राशन भी पुलिसकर्मियों द्वारा भिजवाया गया।

इतना ही नहीं दक्षिणी जिले के ग्रेटर कैलाश थाने इलाके में तो पुलिसकर्मी एक दंपत्ति की शादी की 25वीं वर्षगांठ मनवाने अचानक खुद ही जा पहुंचे। ताकि दंपत्ति को यह न लगे कि वे अकेले हैं या लॉकडाउन के चलते वे अपनी 25वीं वर्षगांठ भी नहीं मना पाये। यहां रहने वाले 70-71 साल के बुजुर्ग को पौधा लगा गमला देकर जब उनका जन्म दिन मनाने पुलिस वाले घर पहुंचे, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसी तरह रविवार को दक्षिणी दिल्ली जिले के ग्रेटर कैलाश थाने के पुलिसकर्मी अचानक ही 74 साल की वृद्ध महिला को पौधा लगा गमला भेंटकर उन्हें जन्म दिन की बधाई देने पहुंच गये।

इन सब उदाहरणों में मगर सबसे अद्भुत था, जब फतेहपुर बेरी थाने के पुलिसकर्मी चंदन हुल्ला गांव की झुग्गी बस्ती में केक लेकर जा पहुंचे। 4 साल की एक श्रमिक की बेटी का जन्म दिन मनवाने, बुध बाजार वाली गली में।

इसी तरह बंदी के इस दौर में, पश्चिमी रेंज (द्वारका, पश्चिमी और बाहरी जिला) पुलिस ने हरियाणा बार्डर से दिल्ली में घुसने वाले शराब माफियाओं की नकेल बुरी तरह कस दी। शराब माफियाओं की नकेल सबसे ज्यादा कसी द्वारका जिले के थाना बाबा हरिदास नगर पुलिस ने।

पश्चिमी परिक्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने कहा, शराब तस्करों ने हर वो गली तलाशने में कसर नहीं छोड़ी, जिसमें से उन्हें हरियाणा से दिल्ली में शराब लेकर घुस आने की उम्मीद थी। यह अलग बात है कि उन्हें हर गली के बाहर हमारी पुलिस पिकेट लगी मिली, और वे मौके पर ही रंगे हाथ पकड़े गये। द्वारका जिले के डीसीपी एंटो अल्फांसे भी इस बात को मानते हैं कि, उनके जिले में शराब तस्करों के खिलाफ सबसे ज्यादा मुकदमे बाबा हरिदास नगर थाने में दर्ज हुए हैं।

Created On :   19 April 2020 2:00 PM GMT

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