तिरुपति बालाजी मंदिर के पुजारी बर्खास्त, 500 करोड़ के घोटाले का आरोप

Tirupati Balaji temple priest sacked 500 crore scam accused
तिरुपति बालाजी मंदिर के पुजारी बर्खास्त, 500 करोड़ के घोटाले का आरोप
तिरुपति बालाजी मंदिर के पुजारी बर्खास्त, 500 करोड़ के घोटाले का आरोप

डिजिटल डेस्क, तिरुपति। आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु को हटाए जाने का विवाद अब गहरा गया है। कहा जा रहा है कि पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु को हटवाने में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू का हाथ है। बीते गुरुवार को रमन्ना दीक्षितुलु को मंदिर के मुख्य पुजारी के पद से हटा दिया गया था। हालांकि राज्य सरकार ने दलील दी कि मुख्य पुजारी की उम्र 65 वर्ष से अधिक हो गई है, इसलिए उन्हें रिटायरमेंट दिया गया है। बता दें कि तिरुपति तिरुमला देवास्थनम (टीटीडी) ट्र्स्ट बोर्ड ने अपनी नई नीति बनाते हुए मुख्य पुजारी की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष तय कर दी है। ट्रस्ट के बोर्ड ने रमन्ना दीक्षितुलु की जगह पर 4 नए मुख्य पुजारियों को नियुक्त किया है।

 

 

सीबीआई जांच की मांग

बता दें कि पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु ने मंदिर में सीबीआई जांच की मांग की है, उन्होंने आर्थिक गड़बड़ियों का हवाला दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र भी लिखा है। दो दिन पहले ही रमन्ना दीक्षितुलु ने चेन्नई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि नवगठित टीटीडी बोर्ड और सरकार के अधिकारी मंदिर से जुड़े मुद्दों और रोजमर्रा के कामकाज में दखल देते हैं। दान में मिले सोने-चांदी और हीरे-जवाहरात के गहनों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं, जो 16वीं शताब्दी के विजयनगर के राजा श्रीकृष्ण देवार्य से मिले थे। 


ट्रस्ट पर आर्थिक गड़बड़ी का आरोप

पुजारी रमन्ना ने नए गठित किए गए ट्रस्ट की शासकीय नीतियों की खामियों के बारे में भी खुलासे किए। बता दें कि इस ट्रस्ट के मुखिया टीडीपी नेता पुत्ता सुधाकर यादव आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री के यनामाला रामकृष्णाडु के करीबी रिश्तेदार हैं। टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष सुधाकर ने सूर्योदय से पहले मंदिर में होने वाले कुछ महत्वपूर्ण पूजा-पाठ बंद करने को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी। ऐसा इसलिए किया गया कि कुछ वीवीआईपी गेस्ट को बिना किसी रुकावट और देरी के "दर्शन" मिल जाएं। रमन्ना ने आरोप लगाए कि वैदिक काल से चले आ रहे नियमों को ट्रस्ट बोर्ड के नए सदस्यों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बदला जा रहा है। 

 

रमन्ना दीक्षितुलु ने बताया कि मंदिर को भक्तों से दान में मिले करोड़ों रुपए को सरकार ने अपने काम के लिए उपयोग किया। हाल ही में सरकार ने मंदिर पर टीडीपी विधायक टिप्पेस्वामी के मैरिज हॉल निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए देने का दबाव बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर की परिसंपत्तियों का वर्ष 1996 से ठीक से ऑडिट नहीं कराया गया है। 

 

टीडीपी ने आरोपों पर किया पलटवार

वहीं पुजारी रमन्ना के आरोपो पर टीडीपी ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसा कर वो मंदिर की छवि को हानि पहुंचा रहे हैं। उप-मुख्यमंत्री के ई कृष्णामूर्ति ने कहा, रमन्ना दीक्षितुलु ने अपनी "लक्ष्मण रेखा" पार कर दी थी इसलिए उन्हें हटा दिया गया। उनके दो दशक से ज्यादा के कार्यकाल की जांच कराने का आदेश दिया गया है। अगर वो दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

 

दूसरी तरफ पुजारी रमन्ना ने खुलासा किया है कि भगवान के बेशकीमती हार में लगा एक पिंक डायमंड गायब हो गया है। यह हीरा उस वक्त गायब हुआ जब ब्रह्मोत्सव के दौरान गरुड यात्रा निकल रही थी। उन्होंने दावा किया कि जो बेशकीमती हार भगवान विष्णु के गले से टूट कर गिरा वो 100-200 करोड़ का नहीं था, बल्कि 500 करोड़ का था। बता दें कि जब भगवान तिरुपति अपनी शोभा यात्रा पर मंदिर से निकलते थे तो उस 500 करोड़ के हार को पहनाने की ज़िम्मेदारी उनके मुख्य पुजारी के हाथ में होती थी, इसलिए रमन्ना दीक्षितुलु का यह खुलासा बेहद विस्फोटक है। 


हालांकि रिटायर्ड जस्टिस के अंडर में बनी कमेटी ने भगवान के हार को लेकर राज्य सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी थी उसमें कहा गया है कि हार में पिंक डायमंड नहीं रुबी लगा हुआ था। हार टूटने के बाद सारे रत्न मंदिर के खजाने में हैं। जांच कमेटी ने खुद रत्नों का मुआयना किया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में रत्न की चोरी को खारिज कर दिया। रमन्ना दीक्षितुलु तो यहां तक आरोप लगा रहे हैं कि 500 करोड़ के हार से गायब उसी तरह के हीरे की जिनेवा में नीलामी हो चुकी है।  


सीएम नायडू पर लगाए आरोप
 
पुजारी रमन्ना के अनुसार, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू मंदिर के पैसों का दुरूपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ही मंदिर के प्रशासकों को नियुक्त करते हैं इसलिए यहां वे मनमानी करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नायडू ने मन्दिर की सौ करोड़ की राशि अपने राजनीतिक खर्चों के लिए इस्तेमाल की है। पुजारी के इस खुलासे के बाद प्रदेश में राजनीति भी गरमा गई है। आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जगमोहन रेड्डी ने कहा कि यह सब पैसे और ताकत के लिए सीएम की भूख को दर्शाता है। 


दुनिया का दूसरा सबसे धनी मंदिर

बता दें कि तिरुपति मंदिर दुनिया का दूसरा सबसे धनी मंदिर है। उसकी संपत्ति 50,000 करोड़ है और सालाना आय करीब 650 करोड़ रुपये है। तिरुपति बोर्ड नई दिल्ली, ऋषिकेश, गुवाहाटी, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कन्याकुमारी समेत कई शहरों और कस्बों में मंदिरों का संचालन करता है।


 

Created On :   23 May 2018 10:20 AM IST

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