महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों को ट्रेन ने कुचला, मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हई (लीड-2)

Train crushed migrant laborers in Maharashtra, death toll increased to 15 (lead-2)
महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों को ट्रेन ने कुचला, मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हई (लीड-2)
महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों को ट्रेन ने कुचला, मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हई (लीड-2)

औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 8 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी ने रेलवे ट्रेक पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों को कुचल दिया। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इस दुर्घटना में 15 श्रमिकों की मौत हो गई है।

जालना और औरंगाबाद के बीच हुए हादसे में मारे गए यह प्रवासी श्रमिक कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच अपने मूल स्थान पर वापस लौटने का प्रयत्न कर रहे थे।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, दुर्घटना में कम से कम 14 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है और दो अन्य घायल हो गए। एक सरकारी अस्पताल में बाद में उनमें से एक ने दम तोड़ दिया।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि कर कहा, दक्षिण मध्य रेलवे के नांदेड़ डिवीजन के जालना और औरंगाबाद के बीच एक मालगाड़ी ने प्रवासी मजदूरों को कुचल दिया।

उन्होंने आगे कहा, यह घटना शुक्रवार सुबह 5.30 बजे के आसपास उस वक्त हुई, जब अपने घरों को वापस जा रहे प्रवासी मजदूर रेलवे की पटरियों पर सो रहे थे।

दक्षिण मध्य रेलवे के प्रवक्ता राकेश ने आईएएनएस से कहा, एक खाली पेट्रोलियम टैंकर ट्रेन (मालगाड़ी) तेलंगाना के चेरलापल्ली से महाराष्ट्र के मनमाड के पास पनवाड़ी तक जा रही थी। बदनपुर स्टेशन से गुजरने के बाद लोकोपायलट ने कुछ लोगों को पटरियों पर देखा और ट्रेन को नियंत्रित करने की कोशिश कर हॉर्न बजाया लेकिन जब तक वह ट्रेन को रोक पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, श्रमिक जालौन से भुसावल और आगे मध्य प्रदेश की ओर जा रहे थे। दिल्ली में रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत ट्रेन हादसे का शिकार हुए मजदूर मध्य प्रदेश के उमरिया और शहडोल के निवासी थे।

उन्होंने हादसे में बचे श्रमिक के बयान के हवाले से कहा कि इस समूह ने गुरुवार शाम 7 बजे जालौन छोड़ दिया था। शुरूआत में बदनपुर तक सड़क पर चले और बाद में औरंगाबाद की ओर ट्रैक पर इन्होंने चलना शुरू किया।

उन्होंने कहा, लगभग 36 किलोमीटर पैदल चलने के बाद वे थक गए और इनमें से कुछ आराम करने के लिए ट्रैक पर ही बैठ गए। इसके बाद उन्हें नींद आ गई। 14 लोग ट्रैक पर बैठे थे, दो सदस्य ट्रैक के पास और तीन सदस्य ट्रैक से दूर बैठे थे।

उन्होंने कहा कि हादसे की सूचना मिलते ही नांदेड़ डिवीजन और सरकारी रेल पुलिस (जीआरपी) व स्थानीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी दुर्घटनाग्रस्त स्थल पर पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे को लेकर ट्विटर पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, औरंगाबाद, महाराष्ट्र में रेल दुर्घटना के कारण लोगों की मौत की खबर सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई। रेल मंत्री पीयूष गोयल जी से बात की और वह स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।

रेल मंत्री ने भी ट्वीट कर कहा, रेलवे ट्रेक पर सो रहे श्रमिकों की मालगाड़ी के नीचे आने के चलते हुई दुखद मौत की खबर मिली। राहत कार्य जारी है और (घटना को लेकर) जांच के आदेश दिए गए हैं। मैं हादसे में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं।

वहीं,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अंतरराज्यीय बस सेवा, यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं को 24 मार्च से निलंबित किया हुआ है। ऐसे में कई अन्य शहरों में फंसे हजारों प्रवासी श्रमिकों ने अपने पैतृक स्थानों पर लौटने के लिए पैदल ही यात्रा शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि रेलवे ने 1 मई से फंसे हुए प्रवासियों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू किया है। गुरुवार तक रेलवे 201 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला चुका है।

Created On :   8 May 2020 8:30 AM GMT

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