धुंआ रहित नहीं हुईं गरीबों की रसोई, उज्जवला योजना के 44 हजार गैस कनेक्शन नहीं हुए री-फिल

Ujjwala scheme does not have 44 thousand gas connection re-fill in shahdol
धुंआ रहित नहीं हुईं गरीबों की रसोई, उज्जवला योजना के 44 हजार गैस कनेक्शन नहीं हुए री-फिल
धुंआ रहित नहीं हुईं गरीबों की रसोई, उज्जवला योजना के 44 हजार गैस कनेक्शन नहीं हुए री-फिल

डिजिटल डेस्क, शहडोल । प्रत्येक घर को धुंआ रहित बनाने केंद्र सरकार द्वारा लाई गई उज्जवला योजना जमीनी स्तर पर साकार होती नहीं दिख रही है। जिले के कुल उपभोक्ताओं में 80 फीसदी ऐसे हैं जो एक बार कनेक्शन लेने के बाद दोबारा रिफलिंग कराने एजेंसी व गोदाम तक पहुंचे ही नहीं। योजना की शुरुआत जुलाई 2016 में हुई थी। जिले में अभी तक 53 हजार 444 लोगों को योजना के तहत गैस कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। इनमें से करीब 20 प्रतिशत उपभोक्ता ही रिफलिंग करा रहे हैं। जिले के 1.40 लाख परिवारों में गैस पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 84 हजार 666 हितग्राहियों के केवाईसी फार्म प्राप्त हो चुके हैं। जिनमें से 62 हजार 758 आवेदनों को कनेक्शन के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। 53444 को गैस का वितरण किया जा चुका है।


इसलिए आ रही समस्या
उज्जवला योजना में गैस रिफलिंग की गति धीमी होने की कई वजह यह सामने आ रही हैं। योजना के तहत गरीबों को गैस कनेक्शन देना है। कई ऐसे परिवार हैं जिनकी माली हालत ऐसी नहीं है कि 6-7 सौ रुपये रिफलिंग में खर्च कर सकें। कनेक्शन देने की आपा धापी में सूची से नाम लेकर सभी के फार्म तो भरा दिए गए लेकिन कनेक्शन बांटने में उनकी गैस एजेंसियों से दूरी का ध्यान नहीं रखा गया। सैकड़ों ग्रामीण उपभोक्ताओं को दूर दराज की ऐसी एजेंसियों से कनेक्शन दे दिए गए जो गांव से 15 किमी से अधिक हैं। सेल्समैनों से केवाईसी फार्म भरवाकर थोक के भाव मनपंसद एजेंसियों से कनेक्शन बंटवा दिए गए। राजीव गांधी गैस एजेंसी तथा रेगुलर डिस्ट्रीव्यूटरों के गैस प्रदाय नियमों की अनदेखी कर कनेक्शन प्रदाय कराए गए, जिससे उपभोक्ता रिफलिंग कराने नहीं पहुंच रहे हैं।


री-फिलिंग बढ़ाने बनी योजना
उज्जवला योजना के गैस कनेक्शन बांटे जाने के बाद रिफलिंग की गति कम होने को लेकर शासन स्तर से चिंता जताई गई है। उपभोक्ता गैस रिफलिंग कराएं इसको लेकर नियम में बदलाव किए गए हैं। जिसके तहत अब योजना के हितग्राहियों की सब्सिडी में कटौती नहीं की जाएगी। इस महीने से उनके खाते में सब्सिडी भेजी जाएगी। अभी तक होता यह था कि 3268 रुपये के गैस कनेक्शन में 1600 रुपये की छूट है। जबकि चूल्हा व गैस की राशि 1668 रुपये उधार के रूप में है, जिसकी कटौती सब्सिडी की राशि से होती थी। यानि उपभोक्ता को तब तक सब्सिडी नहीं मिलेगी जब तक पूरी राशि पट न जाये। लेकिन अब आगामी 6 महीने तक सब्सिडी मेें कटौती नहीं करने का निर्णय लिया गया है ताकि रिफलिंग में आने समस्या दूर हो सके।


हाट बाजारों में होगी री-फिलिंग
कलेक्टर नरेश पाल ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग एवं गैस एजेंसियों के प्रबंधकों को निर्देश दिये हैं कि उज्जवला योजना के हितग्राहियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ एक सप्ताह की समयावधि में गैस कनेक्शन मुहैया करायें। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि जिले के सभी हाट बाजारों में गैस की रिफलिंग के लिये गैस एजेंसियों के वाहन जाना चाहिए तथा ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को सही कीमत पर गैस उपलब्ध होना चाहिए। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी हाट बाजारों की निरंतर मॉनीटरिंग करें तथा देखें कि एजेंसियों के वाहन जाते हैं अथवा नहीं। गैस रिफलिंग के लिये निर्धारित रूटचार्ट बनाये गये हैं। उपभोक्ताओं को समय पर गैस मिलना चाहिए। केवाईसी फीडिंग और केवाईसी क्लियरेंस के बीच जो गैप है उसकी सूची संबंधित गैस एजेंसी को उपलब्ध करवायें।

Created On :   27 April 2018 8:07 AM GMT

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