36 करोड़ रुपए की लागत से भूमिगत जलाशय
नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत के सबसे बड़े 635 मिलियन प्रतिदिन क्षमता वाले सिंगल फेज के सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र सहित 26.80 मिलियन लीटर क्षमता के भूमिगत जलाशय का दौरा कर निरिक्षण किया। करीब 35 एकड़ भूमि में फैले इस भूमिगत जलाशय से आसपास के रहने वाले करीब 3.5 मिलियन निवासियों को जलापूर्ति की जाएगी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई क्षेत्रों में जलापूर्ति बढ़ाना सुनिश्चित करने के लिए 26.80 मिलियन लीटर क्षमता के भूमिगत जलाशय का निर्माण किया जा रहा है। इस भूमिगत जलाशय की कुल लागत करीब 36 करोड़ रुपए है।
इस दौरान राघव चड्ढा ने कहा, बारिश के कारण यमुना और गंगा से आने वाले कच्चे पानी में गाद और गंदगी बढ़ जाती है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली जल बोर्ड की टीम लगातार काम कर रही है, ताकि दिल्ली के निवासियों को किसी भी कीमत पर पेयजल की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता न करना पड़े।
उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सोनिया विहार भूमिगत जलाशय का काम 3 महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए, ताकि लोगों को पर्याप्त प्रेशर के साथ भरपूर जल आपूर्ति दी जा सके।
इस भूमिगत जलाशय के चालू होने से कई कालोनियों जैसे शिव विहार, अंकुर एंक्लेव, महालक्ष्मी एंक्लेव, जौहरीपुर, दयालपुर, भगतसिंह कालोनी, जियाउद्दीन नगर, अंबेडकर नगर, भागीरथी विहार, नेहरू विहार जैसे क्षेत्रों के लगभग 6 लाख निवासियों को पानी का समान वितरण और जलापूर्ति उपलब्ध कराई जा सकेगी।
वहीं दिल्ली को हरा-भरा बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने पौधारोपण की एक नई पहल की है। नगर वन योजना के तहत दिल्ली में 12 वन क्षेत्र विकसित हो चुके हैं और 4 वन क्षेत्रों पर काम चल रहा है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने कहा, केंद्र सरकार की स्कूल नर्सरी योजना स्वागत योग्य है। दिल्ली सरकार इस पर कार्य योजना बना रही है। 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए दिल्ली को 15 लाख पौधारोपण का लक्ष्य दिया है, जिसके सापेक्ष दिल्ली सरकार ने 15 लाख की जगह 31 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है और अब तक 10 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।
-- आईएएनएस
जीसीबी
Created On :   18 Aug 2020 9:00 PM IST