उप्र : नदियों के उफान से बाढ़ के हलात, खेतों और घरों में घुस रहा पानी

Uttar Pradesh: Rising floods, water entering farms and homes
उप्र : नदियों के उफान से बाढ़ के हलात, खेतों और घरों में घुस रहा पानी
उप्र : नदियों के उफान से बाढ़ के हलात, खेतों और घरों में घुस रहा पानी
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  • उप्र : नदियों के उफान से बाढ़ के हलात
  • खेतों और घरों में घुस रहा पानी

लखनऊ, 13 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में नदियों का जल स्तर बढ़ने से वह अपना रौद्र रूप दिखा रही है। इस कारण कई जगह हालत बिगड़ रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बहराइच जिले के महसी तहसील के गांवों में पानी घुस आया है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है।

नेपाल के पहाड़ों से लगातार बारिश का पानी आने से नदियों ने रौद्र रूप लेना शुरू कर दिया है। घाघरा नदी का रौद्र रूप दिखने लगा है। महसी तहसील के घाघरा नदी में तीन बैराजों का पानी पहुंच गया है। बैराजों से 2.83 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। इससे घाघरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। इसमें दरिया बुर्द, चमरही, रेवतीपुरवा गांव की हालत बुरी है। यह तीनों गांव सरयू व घाघरा नदी के बीच में बसा है। इन गांव के ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए तहसील प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।

जलस्तर बढ़ने के साथ ही टिकुरी ग्राम पंचायत में नदी ने कटान तेज कर दी है। नदी की धारा ने छह ग्रामीणों के मकान को आगोश में ले लिया है। महसी में घाघरा नदी का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। बढ़ रहे जलस्तर के साथ नदी ने कटान तेज कर दी है। तहसील क्षेत्र के टिकुरी ग्राम पंचायत के मजरा ठकुराईनपुरवा में नदी ने कटान से तबाही मचायी है। घाघरा नदी की कटान में गांव निवासी कमलाशंकर, शिवनरायन, तेज, सुंदर समेत छह ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो गए। वहीं इसी गांव में घाघरा की लहरों ने 25 से अधिक किसानों की कई सौ बीघा खेती योग्य जमीन नदी में समाहित कर ली।

ग्रामीण राहुल ने बताया कि हमारे मकान के साथ खेत भी डूब गये हैं। अब कुछ बचा नहीं है। यह हर साल की लीला है। इससे क्या किया जाए।

महसी के एसडीएम सुरेन्द्र नारायण त्रिपाठी ने बताया, नेपाल के रास्ते से आने वाला पानी यहां पर नीचे बने मकानों को प्रभावित कर रही है वहीं नीचे जो झोपड़ी बनी है वहां भी पानी घुसा है। लेकिन अब जलस्तर घट रहा है। सभी को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। सभी को तिरपाल और आवश्यक सामाग्री दे दी गयी है। नानापारा में भी कुछ इलाके में पानी भर गया है। सभी की सुरक्षा की व्यवस्था हो रही है।

जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार आदमपुर रेवली तटबंध पर घाघरा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। रविवार को एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर बढ़कर 106.636 सेंटीमीटर पहुंच गया है जो कि खतरे के निशान से 56 सेमी ऊपर है। उधर बलरामपुर में भी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गोंडा में घाघरा की लहरें उफान मार रही है। बलरामपुर में कई गांव के पास पानी पहुंच चुका है। अयोध्या में सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटान का खतरा बढ़ गया है। तटवर्ती इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।

राहत आपदा विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बहराइच में 1, महराजगंज 1, गोरखपुर में 2, वाराणसी में 1, बलिया में 1, लखनऊ में 2 एनडीआरएफ की टीमें लगाई गयी है। राहत बचाव का कार्य जारी है। जहां ज्यादा समस्या है। उस जिले के अधिकारी को अलर्ट किया गया है।

Created On :   13 July 2020 9:00 AM GMT

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