लैटिन अमेरिकी देशों की यात्रा से लौटे वैंकेया, कहा- व्यापार और निवेश को बढ़ाने में मिलेगी मदद

लैटिन अमेरिकी देशों की यात्रा से लौटे वैंकेया, कहा- व्यापार और निवेश को बढ़ाने में मिलेगी मदद

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू लैटिन अमेरिकी देशों की यात्रा के बाद स्वदेश लौट आए हैं। नायडू के साथ जनजातीय मामलों के राज्‍य मंत्री जसवंत सिंह सुमनभाई भहौर और चार सांसद तिरूचि शिवा, अनिल देसाई, कमलेश पासवान और माया वर्मा के अलावा सचिव (पूर्व) प्रीति सरण और वरिष्‍ठ अधिकारी भी गए थे। ग्वाटेमाला, पेरू और पनामा की यात्रा से स्वदेश रवाना होने से पहले उन्होंने जर्मनी में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और दुनिया के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के बीच लंबे समय से उच्च स्तरीय संवाद में कमी की समस्या का निपटारा करने में यह यात्रा मददगार रहेगी। इससे दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बेहतर करने में मदद मिलेगी जिसका आपस में लाभ होगा। 

 

 

उपराष्ट्रपति नायडू ने तीनों देशों की यात्रा के बारे में कहा कि यह भारत के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा करगी। इनके अमेरिका के साथ उच्च स्तरीय संबंध हैं। उन्होंने कहा कि ग्वाटेमाला और पनामा की स्थापना के बाद 50 साल के राजनयिक संबंधों के बीच उनकी यह यात्रा वास्तव में दोनों ओर से पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायण ने इससे पहले 1998 में पेरु की यात्रा की थी। नायडू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी यात्रा से दोनों पक्षों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

 

उपराष्‍ट्रपति नायडू ने कहा कि ग्वाटेमाला, पनामा और पेरू देशों के राष्‍ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति और सम्‍बद्ध वरिष्‍ठ मंत्रियों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आपसी हित के विभिन्‍न मुद्दों तथा भविष्‍य की राह के बारे में विस्‍तृत विचार-विमर्श किया। उन्‍होंने कहा कि ये तीन देशों ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई करने के भारत के प्रयासों का समर्थन किया। उन्‍होंने दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता को समर्थन देने की बात को दोहराया।

 

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पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर 

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान पांच समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए। ये ग्‍वाटेमाला में राजनयिकों और अंग्रेजी के अध्‍यापकों के प्र‍शिक्षण; भारत और पनामा के कूटनीतिक, आधिकारिक और दूतावास संबंधी पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा में छूट के अलावा कृषि संबंधी अनुसंधान में सहयोग के लिए कार्य योजना तथा पेरू के साथ नवीन और नीवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग से जुड़े थे।

 

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Created On :   15 May 2018 11:49 AM IST

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