उप्र में नदियों का जलस्तर बढ़ा, लोग पलायन को मजबूर

Water level of rivers rise in UP, people forced to flee
उप्र में नदियों का जलस्तर बढ़ा, लोग पलायन को मजबूर
उप्र में नदियों का जलस्तर बढ़ा, लोग पलायन को मजबूर
लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

बाराबंकी और गोंडा में घाघरा का जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया है। प्रयागराज में गंगा-यमुना के जलस्तर में काफी वृद्घि हुई है। बनारस में गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों का संपर्क टूटने लगा है। प्रशासन ने एहतिहात के तौर पर गंगा में सभी तरह के नौका संचालन पर रोक लगा दी है।

बाराबंकी के रामनगर, सिरौली गौसपुर व रामसनेहीघाट इलाके में घाघरा नदी का जलस्तर गुरुवार शाम 106.346 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान 106.07 से 27 सेमी ऊपर है। इससे आसपास के 10 गांवों में पानी घुस जाने से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। ग्रामीण मवेशियों व अनाज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हुए हैं।

नेपाल सीमा के बनबसा बैराज से घाघरा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसके कारण नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर पहुंच गई है। इससे बाराबंकी के टेपरा गांव के 60 परिवारों ने गांव छोड़ दिया है। इन परिवारों ने ऊंचे स्थानों पर शरण ले रखी है। गोण्डा के करनैलगंज के काशीपुर और मांझा रायपुर में नदी का पानी लोगों के घरों में पहुंच गया है। लोग मवेशियों के साथ बांध पर पलायन करने लगे हैं।

बाराबंकी के निवासी रामसनेही ने बताया कि पानी काफी तेजी से बढ़ रहा है। इससे लोगों में परेशानी बढ़ रही है। इसे देखते हुए हम लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।

वहीं मांझा रायपुर की नूरजहां ने बताया कि पानी लगातार बढ़ने से हमारे मवेशियों को खतरा हो रहा है। इसलिए हम लोग सुरक्षित स्थान ढूढ़ रहे हैं।

बाराबंकी के उपजिलाधिकारी अशोक कुमार ने बताया, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। लोगों को खाने-पीने की सामग्री वितरित की गई है। किसी को कोई परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याला रखा जा रहा है। इस दौरान 77 परिवारों को तिरपाल, पन्नी व मच्छरदानियां बांटी गईं।

मध्यप्रदेश और उत्तराखण्ड में हुई बारिश के कारण गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। प्रयागराज के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों पर सरकारी विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है। जिले में गंगा और यमुना का जलस्तर 84 मीटर के स्तर पर पहुंचने पर ही आधिकारिक रूप से खतरे की स्थिति बनती है।

सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) के मुताबिक, मध्य प्रदेश में वर्षा के कारण वहां की केन और बेतवा का पानी यमुना में लगातार आ रहा है। इसी तरह बुंदेलखंड में बारिश का पानी चंबल नदी के जरिए यमुना में पहुंच रहा है। इससे यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई बारिश का पानी गंगा में आ रहा है। प्रयागराज में गंगा का जलस्तर 75.710 मीटर और यमुना का जलस्तर 76.350 मीटर के स्तर पर पहुंच गया है।

बनारस में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने से घाटों की सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं, जिससे एक घाट से दूसरे घाट का संपर्क टूट गया है। वहीं महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अब छत पर दाह संस्कार हो रहा है।

प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गंगा में सभी तरह के नौका संचालन पर रोक लगा दी है। पुलिस का कहना है कि बाढ़ और तेज हवाओं के कारण गंगा में सभी तरह की नौका और मोटरबोट के संचालन पर रोक लगा दी गई है।

अंतिम आदेश आने तक गंगा में नौका संचालन रोक दिया गया है। छोटी, बड़ी सभी प्रकार की नौका के साथ ही मोटरबोट-स्टीमर का संचालन भी रोक दिया गया है। गंगा और यमुना के प्रवाह के इलाकों में हो रही भारी बारिश और कानपुर बैराज से पानी छोड़े जाने से प्रयागराज से लेकर मीरजापुर, वाराणसी होते हुए बलिया में लगातार बढ़ाव जारी है। बनारस में पांच दिनों में चार मीटर जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में एनडीआरएफ अभी से सतर्कता बरतने में लगा है।

सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग के मुख्य अभियंता ए.के. सिंह ने बताया, शारदा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसका खतरे का निशान 154़100 मीटर है, जबकि यह आज 154.600 मीटर पर बह रही है। वहीं घाघरा का खतरे का निशान 106.070 है और वह 106.250 पर बह रही है।

बाढ़ राहत आपदा प्रबंधन विभाग कार्यालय के पदाधिकारियों ने बताया, अब कुछ नदियों का जलस्तर कुछ जगहों पर बढ़ने लगा है। अधिकरियों को अलर्ट कर दिया गया है। एनडीआरएफ टीमें भी चौकन्ना हैं। जहां पर बाढ़ का खतरा देखा जा रहा है, वहां से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। खाने-पीने के समान भी पहुंचाए जा रहे हैं।

राहत आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया।

--आईएएनएस

Created On :   9 Aug 2019 3:30 PM IST

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