अभिनंदन तो वापस लौटे, लेकिन हम भूल गए इन वीर शहीदों की कुर्बानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विंग कमांडर अभिनंदन वापस देश आ गए है। शुक्रवार को रात 9.21 बजे उन्होंने भारत की धरती पर कदम रखा। अभिनंदन करीब 60 घंटे पाकिस्तान की कैद में रहे। अभिनंदन की वापसी पर देशभर में जश्न मनाया जा रहा है। लोग सड़कों पर डीजे और ढोल नगाड़ों के साथ अभिनंदन की वापसी पर खुशी मना रहे हैं। अभिनंदन की वापसी में हम उन शहीदों को भूल गए, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी। 27 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स के छह जवान जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में Mi-17 हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गए। हादसे में एक स्थानीय नागरिक की भी मौत हो गई। वे उसी दिन शहीद हुए थे, जब अभिनंदन पाकिस्तान के एफ-16 विमान को गिराने के बाद मिग 21 के क्रैश होने पर पाकिस्तान में उतरे थे। पूरा मीडिया अभिंनदन की खबरों के पीछे था, उसी वक्त चॉपर क्रैश होने से शहीद हुए छह जवानों की शहादत मीडिया की सुर्खियां बनने से रह गई थी।
वाराणसी के रहने विशाल कुमार पांडे इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइट इंजीनियर थे। शहीद विशाल को हरिशचंद्र घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई की गई। विशाल को उनके छोटे भाई आकाश पांडे ने मुखाग्नि दी। विशाल कुमार पांडे 2005 में वायुसेना में भर्ती हुए थे। इन दिनों विशाल की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में वायुसेना में यूनिट 154 में फ्लाइट इंजीनियर के पद पर थी।
शहीद पकंज नौहवार का अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक ग्राम जरैलिया में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया है। पंकज के पिता भी फौज से रिटायर्ड है। शहीद पंकज को यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीकांत, सांसद हेमा मालिनी और विधायक श्याम सुंदर शर्मा ने श्रद्धांजलि दी। पकंज के सवा साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी।
कानपुर के रहने वाले शहीद कॉर्पोरल दीपक पांडे अपने माता-पिता की एकलौती संतान थे। दीपक पांच वर्ष पहले इंडियन एयरफोर्स में शामिल हुए थे। दीपक जब स्कूल में थे, तभी उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें एयरफोर्स में जाना है।
हरियाणा के झज्जर जिले के गांव भदानी निवासी विक्रांत सहरावत भी हादसे में शहीद हुए। विक्रांत का शव जैसे ही घर पहुंचा उनकी पत्नी ने अपनी चूड़ियां तोड़ी और बेटे ने अपने पिता को गर्व के साथ सैल्यूट किया। विक्रांत के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी पहुंचे। उन्होंने परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। शहीद विक्रांत की मां का कहना है कि वो अपने पोते को भी सेना में भेजेंगी।
नासिक के रहने वाले निनाद अनिल मांडवगणे का अंतिम संस्कार नासिक के के.के वाघ मैदान में किया गया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद निनाद का अंतिम संस्कार किया गया। पति को श्रद्धांजलि देते हुए लीडर निनाद की पत्नी विजेता ने कहा कि मैं सैनिक की पत्नी हूं। मेरी बेटी अभी दो वर्ष की है, अगर बड़ी होकर वह सेना में जाना चाहेगी तो मैं उसे रोकूंगी नहीं।
स्क्वॉड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ का अंतिम संस्कार चंडीगढ़ में शुक्रवार को किया गया। शहीद सिद्धार्थ के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। सिद्धार्थ की पत्नी आरती भी इंडियन एयरफोर्स में स्क्वॉड्रन लीडर है। सिद्धार्थ और उनके परिवार की पिछली तीन पीढ़ियों ने सशस्त्र बलों में अपने सेवाएं दी है। वह 2010 में वायुसेना में शामिल हुए थे। सिद्धार्थ ने केरल बाढ़ रेस्क्यू अभियान में मुख्य भूमिका निभाई थी।
Created On :   2 March 2019 1:42 PM IST