क्‍या है बहुमत परीक्षण : जानिए-सदन में कैसे तय होता है, किसकी बनेगी सरकार

What is majority test. and how the government will be formed.
क्‍या है बहुमत परीक्षण : जानिए-सदन में कैसे तय होता है, किसकी बनेगी सरकार
क्‍या है बहुमत परीक्षण : जानिए-सदन में कैसे तय होता है, किसकी बनेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर शनिवार 19 मई को कर्नाटक विधान सभा में बहुमत परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। सदन में शक्ति परीक्षण प्रोटेम स्पीकर के जी बोपैय्या की देखरेख में होगा। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें शुक्रवार को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया

 

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला 


गवर्नर के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और जेडीएस ने बुधवार रात ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शुक्रवार को उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को पलटते हुए 28 घंटे में विश्वास मत परीक्षण कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह पूरा मामला नंबर गेम का है, इसलिए शक्ति परीक्षण जरूरी है। 

क्या होता है बहुमत परीक्षण 


बहुमत परीक्षण क्या होता है? जब किसी विधानसभा में किसी एक पार्टी या गठबंधन को चुनावों में बहुमत हासिल नहीं होता है तब राज्यपाल अपने विवेक के अनुसार सबसे बड़े दल या सबसे बड़े गठबंधन को जिसके पास सबसे ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त होता है, उसे सरकार बनाने का न्योता देते हैं। जब उन्हें इस बात का शक होता है कि सरकार को बहुमत प्राप्त नहीं है, तब एक समय-सीमा में सदन में बहुमत साबित करने को कहा जाता है। बहुमत परीक्षण के दिन सरकार की तरफ से सदन में विश्वास मत प्रस्ताव रखा जाता है, फिर इस पर चर्चा होती है। पक्ष और विपक्ष के नेता इस पर चर्चा करते हैं। 

 



वोटिंग का है प्रावधान


सदन में चर्चा के बाद स्पीकर या प्रोटेम स्पीकर उपस्थित विधायकों से गुप्त मतदान या ध्वनिमत से विश्वास मत के समर्थन और विरोध में वोटिंग कराते हैं। अगर विश्वास मत प्रस्ताव के समर्थन में ज्यादा विधायकों ने वोट किया या हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया या आवाज से समर्थन जताया तब माना जाता है कि सरकार को सदन का विश्वास प्राप्त है यानी बहुमत हासिल है। जब विरोध में ज्यादा वोट पड़ते हैं तब माना जाता है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है और नतीजतन सरकार गिर जाती है।

 


केवल इस तरह बच सकती है सरकार


मौजूदा कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 112 है। अगर बीजेपी की येदुरप्पा सरकार आज शनिवार को 112 विधायकों के समर्थन का जुटा लेती है तो येदुरप्पा सरकार बच जाएगी वरना सीएम को इस्तीफा देना पड़ सकता है। फिलहाल बीजेपी के 104 विधायक हैं। कांग्रेस के 78 और जेडीएस-बीएसपी के 38 विधायक हैं। दो निर्दलीय विधायक हैं।

Created On :   19 May 2018 8:53 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story