कश्मीर में महिलाएं बना रही खादी की रूमाल, 20 हजार को मिलेगा रोजगार

Women making khadi handkerchief in Kashmir, 20 thousand will get employment
कश्मीर में महिलाएं बना रही खादी की रूमाल, 20 हजार को मिलेगा रोजगार
कश्मीर में महिलाएं बना रही खादी की रूमाल, 20 हजार को मिलेगा रोजगार
हाईलाइट
  • कश्मीर में महिलाएं बना रही खादी की रूमाल
  • 20 हजार को मिलेगा रोजगार

नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से मोदी सरकार आतंक प्रभावित क्षेत्रों में रोजी-रोटी के मौके उपलब्ध कराने की कोशिशों में जुटी है, ताकि घाटी के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें। इस सिलसिले में नितिन गडकरी के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने रूमाल बनाने के काम से 20 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की तैयारी की है।

अतीत में हुई कई आतंकी घटनाओं के कारण रोजगार का संकट झेल रहे परिवारों के लिए जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में खुला खादी ग्रामोद्योग सेंटर वरदान से कम नहीं है। यहां फिलहाल दो हजार महिलाएं खादी का रूमाल बनाकर अपना घर चला रहीं हैं। अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले कुछ महीनों में 20 हजार से ज्यादा महिलाओं को इस मुहिम से जोड़कर रोजगार दिया जाएगा।

बारामूला व अन्य आतंक प्रभावित जिलों की महिलाओं को पार्ट टाइम से लेकर फुल टाइम रोजगार के मौके उपलब्ध कराने की कोशिश में एमएसएमई सेक्टर का खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग केवीआईसी जुटा हुआ है। यूं तो केवीआईसी ने 2016 में नैपकिन बनाने के लिए नगरोटा में यह सेंटर खोला था। मगर इस सेंटर पर नितिन गडकरी की पहल से नवंबर 2019 से महिलाओं ने रूमाल बनाना भी शुरू किया। बीते दिसंबर में गडकरी ने 50-50 रुपये की कीमत के 50 रूमाल खरीदकर इस मुहिम का खुद प्रचार किया था।

इस सेंटर पर आतंक प्रभावित परिवारों की महिलाएं चरखे से सूत काटकर रूमाल तैयार कर रहीं हैं। यहां एक महिला हर दिन चार घंटे काम कर 80 रूमाल बनाती हैं। उन्हें तीन रुपये की दर से हर दिन 240 रुपये मिल रहे हैं। बाजार में केवीआइसी के जरिए यह रूमाल 50 रुपये में बिक रहे हैं। हालांकि ऐसा रूमाल ब्रांडेड कंपनियां 200 से 250 में बेच रहीं हैं।

गडकरी ने कहा, हमारा लक्ष्य अब 20 हजार महिलाओं को रुमाल बनाने के काम से जोड़ना है। धीरे-धीरे महिलाओं को मिलने वाला मेहनताना भी बढ़ेगा। रूमालों की बिक्री के लिए पेटीएम से भी करार हुआ है।

गडकरी ने आईएएनएस से कहा, देश में ग्रामीण उद्योगों का सालाना 75 हजार करोड़ का टर्नओवर है, जिसे हम एक लाख करोड़ के टर्नओवर में बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय तमाम पहल करने में जुटा है।

Created On :   16 Jan 2020 12:00 PM GMT

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