गन्ना किसानों को बड़ी राहत देने के मूड में योगी सरकार, 8000 करोड़ से ज्यादा का देगी पैकेज
- सरकार अब गन्ना किसानों को बड़ी राहत देने की योजना बनी रही है।
- किसानों इस बात से नाराज हैं कि बीजेपी सरकार में जो वायदे उनसे किए गए वह पूरे नहीं किए गए।
- राज्य सरकार 8000 करोड़ रुपए से ज्यादा का पैकेज लाने वाली है।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कैराना में हार के बाद लगता है कि योगी सरकार को किसानों की याद आ ही गई। सरकार अब गन्ना किसानों को बड़ी राहत देने की योजना बनी रही है। राज्य सरकार 8000 करोड़ रुपए से ज्यादा का पैकेज लाने वाली है। हाल ही मे गन्ना किसानों ने योगी सरकार का जमकर विरोध किया। किसानों इस बात से नाराज हैं कि बीजेपी सरकार में जो वायदे उनसे किए गए वह पूरे नहीं किए गए। राज्य की योगी सरकार से उनकी नाराजगी कैराना उपचुनावों में साफ नजर आई।
बफर स्टॉक का निर्माण भी करेगी सरकार
कैराना का इलाका गन्ना किसानों का इलाका है, यहां बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह को हार का सामना करना पड़ा। इस सीट से आरएलडी की तबस्सुम हसन ने जीत हासिल की। जिसे देखते हुए अब सरकार ने गन्ना किसानों को खुश करने का इंतजाम किया है। राज्य सरकार 8000 करोड़ रुपए से ज्यादा का पैकेज लाने वाली है। सरकार चीनी एक्सपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी हटाने जैसे फैसले भी ले सकती है। सरकार 1200 करोड़ रुपए की लागत से 30 एलएमटी के बफर स्टॉक का निर्माण भी कराएगी।
To provide relief to sugarcane farmers ensure clearance of their dues, govt is going to bring out comprehensive package of over Rs.8000 cr. It"ll include creation of buffer stock of 30 LMT for which money will be transferred directly to accounts of farmers: Govt Sources
— ANI (@ANI) June 4, 2018
भारत में चीनी उद्योग एक महत्वपूर्ण कृषि आधारित उद्योग है। इससे 5 करोड़ गन्ना किसानों की जिंदगी जुड़ी हुई है। कई सालों से सरकारी अनदेखी के कारण यह घाटे का कारोबार बन गया है।
चीनी के दामों में आई गिरावट
2017-18 के मौजूदा वर्ष में भारत ने चीनी का 315 एलएमटी से ज्यादा का उत्पादन किया है। चीनी उत्पादन की निराशाजनक वैश्विक कीमत के कारण चीनी के बाजार मूल्य में गिरावट आई है। इससे किसानों का लगभग 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया जमा हो गया हैं। बता दें कि इस पैकेज के अंतर्गत देश में इथेनॉल क्षमता बढ़ाने के लिए 4,400 करोड़ रुपए से ज्यादा की एक योजना भी शामिल हैं। सरकार को उम्मीद है कि बफर स्टॉक के जरिए चीनी की सप्लाई को कम किया जा सकेगा।
चीनी व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार निर्यातकों को उत्पादन पर प्रोत्साहन राशि भी देने के लिए तैयार है। चीनी की कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए सरकार उसका निर्यात बढ़ाना चाहती है। सरकार के इन बड़े फैसलों पर इंडियन शुगर मिल्स एसोशिएसन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हम कैबिनेट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि अपनी कई मांगों के साथ किसानों का 10 दिवसीय हड़ताल का चौथा दिन चल रहा है।
Created On :   5 Jun 2018 12:09 AM IST