थारू संस्कृति का डंका दुनिया भर में बजवाएगी योगी सरकार

Yogi Sarkar will play the world of Tharu culture
थारू संस्कृति का डंका दुनिया भर में बजवाएगी योगी सरकार
थारू संस्कृति का डंका दुनिया भर में बजवाएगी योगी सरकार
हाईलाइट
  • थारू संस्कृति का डंका दुनिया भर में बजवाएगी योगी सरकार

लखनऊ, 5 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार थारू जनजाति की अनूठी सभ्यता और संस्कृति का डंका दुनिया भर में बजवाने की तैयारी कर रही है। जंगलों के बीच बसे थारु गांव अब विकास की मुख्य धारा से जुड़ेंगे, आर्थिक गतिविधियों में शामिल होंगे। शिक्षा और रोजगार हासिल करेंगे। लखीमपुर, पीलीभीत, बलरामपुर और बहराइच समेत राज्य के तमाम जंगलों में बसे थारू जनजाति के गांवों को योगी सरकार वन विभाग की होम स्टे योजना से जोड़ने जा रही है।

होम स्टे योजना के जरिये वन निगम जंगलों के बीच बसे थारू गांवों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के साथ रोजगार से सीधे जोड़ेगा। वन निगम थारू गांवों में पर्यटकों को ठहराने की योजना शुरू करने जा रहा है। जंगल के बीच बसे इन गांवों में बिना किसी निर्माण और तोड़ फोड़ के होम स्टे योजना से जोड़ा जाएगा। प्राकृतिक रूप से बने आवास और झोपड़ियों का इस्तेमाल ग्रामीणों की सहमति से सैलानियों के ठहरने के लिए किया जाएगा। वन निगम थारू समुदाय के लोगों को सैलानियों से बातचीत और बेहतर व्यवहार का प्रशिक्षण भी देगा। सुरक्षा और सफाई के साथ ही जंगल के नियम कानून सैलानियों को बताने का जिम्मा भी गांव के लोगों पर होगा।

जंगल के बीच अपने घरों में ठहरने और खाने की सुविधा देने के बदले में थारू गांव के लोग सैलानियों से अच्छी कीमत भी ले सकेंगे। हर साल देश विदेश से जंगलों में आने वाले सैलानियों को थारू गांवों में रुकने और उनकी अनूठी संस्कृति से जुड़ने, समझने का अवसर भी मिलेगा। सैलानियों के जरिये सरकार थारू जनजाति के रहन सहन, खान पान, पहनावे और संस्कृति का परिचय देश दुनिया से कराएगी।

प्रधान अपर मुख्य वन संरक्षक ईवा शर्मा ने बताया कि वन निगम होम स्टे योजना को विस्तार दे रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप जंगल के अंदर बसे थारू समुदाय को विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए होम स्टे योजना को उनसे जोड़ने पर विचार चल रहा है। योजना के जरिये जहां इन गांवों में बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध होगा वहीं सैलानियों को भी जंगल के भीतर जन जातीय संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। ऐसा नहीं कि योगी सरकार इनके लिए पहली बार कुछ करने जा रही है। गोरक्षपीठ की ओर से इनके उत्थान के लिए कई कार्य किए गए हैं। गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत अवाद्यनाथ ने देवीपाटन के आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए काफी काम किए। उनका मानना था कि सीमा पर बसे भारतीयों के साथ-साथ मित्र राष्ट्र नेपाल के नागरिकों को भी इन सुविधाओं का लाभ मिले। उन्होंने क्षेत्र के आध्यात्मिक व भौतिक विकास के लिए कई कार्य किए। वर्ष 1994 में थारू जनजाति के बच्चों के लिए छात्रावास बनवाया।

योगी सरकार का यह फैसला देश में जन जातीय समुदाय के विकास का नया रोड मैप साबित हो सकता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की संख्या 11,34,273 है। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले 9 साल में इनकी संख्या 20 लाख के आकंड़े को पार कर गई है। इनमें सबसे बड़ी संख्या थारू समुदाय की है।

योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए कम से कम 9 योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें आश्रम पद्धति स्कूल, एकलब्य मॉडल स्कूल, स्कालरशिप योजना, अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न योजना के तहत आर्थिक सहायता, अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को मुफ्त साइकिल व ड्रेस योजना, अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए विवाह अनुदान योजना और सामूहिक विवाह योजना शामिल है।

विकेटी-एसकेपी

Created On :   5 Nov 2020 8:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story