युवक की मौत के तीन साल बाद उसके बच्चे ने लिया जन्म, यह है पूरी कहानी
- जसलोक हॉस्पिटल में हुआ बेटे का जन्म।
- तीन साल बाद उसके बेटे का जन्म हुआ।
- मातम का दिन नन्हे बच्चे के स्वागत और खुशी का दिन बना।
- सड़क हादसे में हुई थी मार्केटिंग कंसलटेंट के पति की मौत।
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। प्यार, इंतजार और तकनीक से कोई भी काम संभव है। इसी का उदाहरण पेश कर रही है बेंगलुरू के सुप्रिया जैन और गौरव की जीवन कहानी। तकनीक की मदद से घर में मातम के दिन खुशियों की लहर दौड़ उठी है, क्योंकि पति की मौत के ठीक तीन साल बाद पत्नी ने उनके बच्चे को जन्म दिया है।
पति की मौत के बाद बच्चा होना असंभव था
एक युवा मार्केटिंग कंसलटेंट के पति की मौत के बाद उनकी संतान होना पूरी तरह से असंभव था, लेकिन तीन साल बाद बच्चे का जन्म होना पूरे परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। दरअसल इस पूरी कहानी की शुरुआत अगस्त, 2015 में हुई थी। बेंगलुरु में काम कर रहे दंपति सुप्रिया जैन और गौरव की शादी के पांच साल हो गए थे, लेकिन वे माता-पिता नहीं बन पाए थे। इसके बाद उन्होंने IVF तकनीक की मदद ली। IVF तकनीक की मदद लेने के कुछ दिन बाद ही गौरव की सड़क हादसे में मौत हो गई।
पति की मौत के बाद सुप्रिया ने लिखा ब्लॉग
हादसे के बाद सुप्रिया को संभलने में कुछ वक्त लगा। थोड़ा समय गुजरने के बाद उन्होंने एक ब्लॉग लिखा। सुप्रिया ने लिखा, "जिस दिन वह गया उसने अपने अगले वेंचर का लोगो फाइनल किया था। वह गांव जाने से पहले पैरेंट्स के घर नहीं जाता था, लेकिन उस दिन गया। अपने भतीजे और मां के साथ वक्त बिताने के बाद उसने कहा वह जल्दी ही वापस लौटेगा और उन्हें अच्छी खबर देगा।"
डॉक्टरों से सलाह लेकर शुरू किया मां बनने का सफर
जयपुर की रहने वाली सुप्रिया किस्मत में बहुत विश्वास रखती हैं। उन्होंने अपने पैरंट्स से बात किए बिना फैसला लिया। उन्होंने बताया, हमने बच्चे को लेकर एक शुरुआत की थी और इसके लिए हम अगला कदम उठा सकते थे। उन्होंने अपने पति के बच्चे को जन्म देने का मन बनाया और डॉ. फिरूजा पारिख से मिले। इसके बाद उनका मां बनने का सफर शुरू हुआ।
IVF तकनीक ने दिया संतान सुख
IVF तकनीक के माध्यम से गौरव के स्पर्म्स को संभाल कर रखा गया था। डॉक्टरों के मुताबिक यह सब आसान नहीं था। डॉ. पारिख ने कहा, हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। हमने कई बार एग्स फर्टिलाइज करने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद हमने सरोगेट ढूंढने का फैसला किया।
सेरोगेट मदर ने लौटाई खुशियां
जिस वक्त सेरोगेट मदर से बेटे को जन्म दिया उस समय सुप्रिया बाली में थीं। उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करती हूं कि वह अपने पापा जैसा दिखेगा। सुप्रिया ने कहा, मैं बच्चा नहीं, बल्कि गौरव का बच्चा चाहती थी। हमने पहले ही तय किया था कि हमारा एक बच्चा होगा और दूसरा हम अडॉप्ट कर लेंगे।
Created On :   19 Aug 2018 12:40 PM IST