युवा तुर्को ने बताया, राहुल गांधी ने किस तरह पार्टी में युवाओं को आगे बढ़ाया

Young Turko told how Rahul Gandhi pushed the youth in the party
युवा तुर्को ने बताया, राहुल गांधी ने किस तरह पार्टी में युवाओं को आगे बढ़ाया
युवा तुर्को ने बताया, राहुल गांधी ने किस तरह पार्टी में युवाओं को आगे बढ़ाया
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नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि युवा तुर्को को पार्टी में महत्व नहीं दिया जाता है और न ही आगे बढ़ाया जाता है। रागिनी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा एक कार्यशाला में दिए गए वक्तव्य का उद्धरण दिया, नेता वह होता है जो प्रतिभा को पहचानता है और लोगों को एक जन नेता बनने का अवसर प्रदान करता है।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब पार्टी में दूसरी बड़ी बगावत सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ किया है।

पायलट द्वारा विद्रोह का रास्ता अख्तियार करने के बाद, कई विपक्षी नेताओं ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व पर सवाल उठाना शुरू कर दिया और उनपर अगली पीढ़ी के नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगाया।

2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं और असफल रहीं रागिनी ने कहा, जब राहुल गांधी पार्टी में शमिल हुए थे, तब उन्हें फ्रंटल संगठनों का प्रभारी बनाया गया था। उस समय, मैं एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव थी। उस समय एक कार्यशाला में उन्होंने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं से पूछा कि नेता किसे कहते हैं, तो कइयों ने कहा कि नेता वह होता है जिसके फॉलोवर्स होते हैं या जो कुछ नया करता है। इसपर राहुल गांधी ने कहा कि यह सही है, लेकिन वास्तव में नेता वह होता है जो दूसरों को जन नेता बनने का मौका देता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि वह राजनीति में पहचान के दृष्टिकोण के साथ और युवा नेताओं की क्षमताओं को प्रमोट करने आए हैं।

नायक ने कहा, यह पूरा आरोप कि वह युवा नेताओं को आगे बढ़ने नहीं देते हैं, यह पूरी तरह आधारहीन है।

कांग्रेस नीत संप्रग मंत्रिमंडल की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, संप्रग कैबिनेट में, राहुल गांधी ने कोई पद ग्रहण नहीं किया था, जबकि सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, मिलिंद देवड़ा सभी वहां थे। अगर वह युवा नेताओं को आगे नहीं बढ़ाते, तो वह किसी भी युवा नेता को संप्रग सरकार में मंत्री नहीं बनाते।

इसके साथ ही रागिनी ने कहा कि उन्हें भी डूसू चुनाव में दो बार लड़ने का मौका मिला, जबकि वह अपना पहला चुनाव हार गईं थीं।

नायक ने कहा कि उन्हें एनएसयूआई का अध्यक्ष और सचिव बनाया गया। उसी तरह उन्हें पार्टी का प्रवक्ता और विदेश विभाग का समन्वयक बनाया गया। साथ ही 2013 में 30 वर्ष की उम्र में विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका भी मिला। उन्हें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और दिल्ली में स्टार प्रचारक भी बनाया गया।

इसी तरह, तीन बार के कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने आईएएनएस से कहा, जब राहुल गांधी 2007 में एनएसयूआई के प्रभारी थे, मैं तमिलनाडु में महासचिव था। और हम युवक कांग्रेस में काम कर रहे थे, उन्होंने 2009 में मुझे लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। लोकसभा टिकट पाने के लिए किसी की भी अनुशंसा की जरूरत नहीं पड़ी। राहुल गांधी के लिए यह मायने नहीं रखता कि आप किसके बेटे हैं, बल्कि वह यह देखते हैं कि आप पार्टी के लिए कितना मेहनत करते हैं।

टैगोर लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक भी हैं।

Created On :   16 July 2020 8:00 PM IST

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