बिना अनुमति कोई इस्तेमाल नहीं कर सकेगा आपका पर्सनल डेटा, सरकार बना रही कानून
- जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने डेटा प्रोटेक्शन लॉ को लेकर कहा
- है कि 'यूजर को उसकी सहमति की जानकारी होनी चाहिए।
- डेटा प्रोटेक्शन लॉ के तहत 15 करोड़ का जुर्माना भरना होगा।
- बिना आपकी अनुमति के कोई भी इस्तेमाल नहीं कर सकेगा आपका डेटा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अब आपका पर्सनल डेटा बिना आपकी अनुमति कोई भी इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। अगर कोई आपकी निजी जानकारी का किसी भी तरह से इस्तेमाल करता है तो उसे डेटा प्रोटेक्शन लॉ के तहत 15 करोड़ का जुर्माना भरना होगा। इसके साथ ही उस कपंनी को अपने करोबार के कुल टर्नओवर को 4 प्रतिशत भी जुर्माने के तौर पर देने का सुझाव दिया गया है। डिजिटल इकॉनमी की ग्रोथ पर बनी सरकारी कमेटी का कहना है कि जाति-धर्म, पासवर्ड, सेक्शुअल प्रेफरेंस, आधार और टैक्स डीटेल, ये सब "संवेदनशील पर्सनल डेटा" हैं और बिना स्पष्ट सहमति के इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सरकार जल्द ही इंटरनेट यूजर्स की सुरक्षा को लेकर नया कानून बनाने जा रही है। जिसके तहत किसी भी यूजर्स की निजी जानकारी का इस्तेमाल करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही डाटा लीक जैसे मामले पर रोकथाम लगाई जा सकेगी।
In this report we have left it to the sectoral regulator to identify the critical data relating to their respective sectors: Justice Srikrishna on #DataProtection Report pic.twitter.com/E2GmZ8bkUZ
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 27, 2018
जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने डेटा प्रोटेक्शन लॉ को लेकर कहा, है कि "यूजर को उसकी सहमति की जानकारी होनी चाहिए, सहमति स्पष्ट होनी चाहिए और सहमति को वापस लेने का भी अधिकार उसके पास होना चाहिए।" यह रिपोर्ट शुक्रवार को आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद को सौंप दी गई। कमेटी का कहना है कि इंटरनेट के ग्राहकों को अपने डेटा तक पहुंचने का अधिकार होना चाहिए। कमेटी ने बिना जानकारी के डेटा में बदलाव किए जाने को लेकर भी चिंता जताई और इसे रोकने के लिए सुझाव दिए।
We have dealt with the issue of consent. We have gone into the extent to which the state can intrude into the privacy of citizens. We have also looked into concepts like the Right to Recall Data and Data Portability: Justice Srikrishna on #DataProtection Report. pic.twitter.com/orSJfPr29r
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 27, 2018
कमेटी ने कहा कि व्हाट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल प्लस जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वालों को अपना व्यक्तिगत डेटा हासिल करने का अधिकार होना चाहिए। सिस्टम इस तरह का बनाया जाए ताकि यूजर अपने डेटा की सुरक्षा को लेकर बेफिक्र रहे। उसकी निजी जानकारी का इस्तेमाल बिना उसकी अनुमति के नहीं हो। यूजर को उसके डाटा से जुड़ी हर जानकारी समय पर मिलना जाए। अगर उसके डाटा का इस्तेमाल बिना उसकी अनुमति कर लिया गया है तो भी उसकी जानकारी समय पर यूजर को हो मिल जाए।
India proactively took bold step on the issue of net neutrality and firmly upheld that right of internet access is not negotiable. Today"s report of Justice Srikrishna Committee will be a milestone in the larger narrative of digital development: @rsprasd on #DataProtection Report pic.twitter.com/r0L01GkZ27
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 27, 2018
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एक-एक यूजर की हर जानकारी इकट्ठा करने और थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशनों के द्वारा यूजर डेटा का अनौपचारिक तरीके से स्टोर करने के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र किया है। गौरतलब है कि फेसबुक और कैंब्रिज ऐनालिटिका के डेटा लीक मामले में कुछ इसी तरह की बातें सामने आई थीं। यह पैनल जुलाई 2017 में डिजिटल इकॉनमी की ग्रोथ के लिए बनाया गया था। इसके साथ ही इसका उद्देश्य पर्सनल डेटा को सुरक्षित करने के लिए सुझाव देना था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा, "डिजिटल डेवलपमेंट में श्रीकृष्ण कमिटी की रिपोर्ट मील का पत्थर साबित होगी। इसको ध्यान में रखते हुए कानून बनाया जाएगा।"
Interests of the citizens are at the apex and it must be protected at any cost. Simultaneously responsibilities of the state have to be protected. Finally this protection should not be at the cost of the trade industry: Justice Srikrishna on #DataProtection Report pic.twitter.com/yjd9VZ0j0g
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 27, 2018
Created On :   28 July 2018 12:22 PM IST