किसान और जमीन का पता नहीं, फिर भी दे दिए 1 करोड़ 16 लाख 32 हजार के ऋण

1 crore rupees of KCC loan fraud found in the cooperative bank
किसान और जमीन का पता नहीं, फिर भी दे दिए 1 करोड़ 16 लाख 32 हजार के ऋण
किसान और जमीन का पता नहीं, फिर भी दे दिए 1 करोड़ 16 लाख 32 हजार के ऋण

डिजिटल डेस्क, कटनी। KCC ऋण में सहकारी बैंक जरवाही शाखा में की गई फर्जीवाड़ा अधिकारियों की गले की फांस बनते जा रहा है। चार वर्ष के अंतराल में जिन 144 मेम्बर्स को 1 करोड़ 16 लाख 32 हजार 209 रुपए की राशि वितरित किए जाने का दावा किया जा रहा है। उनमें से अधिकांश किसानों के न तो नाम हैं और न ही उस जमीन का दस्तावेज भी हैं। जिसे आधार मानकर एक करोड़ रुपए से अधिक राशि का घोटाला किया गया है। ऑडिट में फर्जीवाड़ा पकड़ने के बाद भी सुस्त गति से की जा रही कार्यवाही को लेकर जानकार बता रहे हैं कि घोटाले की आग में कई लोगों ने हाथ सेंकने का काम किया है। जिसके चलते विगत छह माह से कागजी फाईल ही एक जगह से दूसरी जगह पर दौड़ रही है।

दरअसल जरवारी सहकारी बैंक केन्द्र में किसान क्रेडिट कार्ड में अनाप-शनाप तरीके से राशि बांटने का आरोप तो कई बार किसान लगा चुके हैं। ऑडिट में भी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसकी फाईल सहकारिता विभाग में दबकर रह गई। यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया। जब उन किसानों के पास राशि वसूली का पत्र भेज दिया गया, जो किसान बैंक से किसी तरह से ऋण नहीं लिए थे और जो लिए भी थे। वे चुकता कर चुके थे।

ऑडिट में ही घोटाले की पुष्टि
सहकारिता विभाग द्वारा कराए गए ऑडिट में ही घोटाले की पुष्टि हो गई थी कि यहां पर KCC ऋण में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 13.6.15 से 30.6.15 तक 80 मेम्बर्स को KCC सक्षम ऋण मद से 97 हजार 700 से लेकर 65 हजार 800 तक की राशि दी गई। वसूली योग्य 69 लाख 24 हजार 700 रुपए की राशि पाई गई। इसी तरह से इसी मद के तहत 27.8.15 से 28.8.15 तक 25 मेम्बर्स को राशि दी गई। वसूली योग्य राशि 20 लाख 79 हजार 290 रुपए पाई गई।

1 अक्टूबर 15 को 12 हजार 89 रुपए, 7 जनवरी 16 को 13 हजार 560 रुपए, 9 फरवरी 16 को 1 हजार 906 रुपए, 8 मार्च 16 को 492,9 फरवरी 16 को 3 हजार 170 रुपए, 1 मार्च 2016 से 31 मार्च 2016 तक 39 मेम्बर्स को 25 लाख 97 हजार रुपए की राशि ऋण के रुप में वितरित की गई।

ऐसे आया सामने फर्जीवाड़ा
विभाग ने किसानों के नाम पर तो फर्जीवाड़ा करने में किसी तरह से चूक नहीं की। जिला सहकारी बैंक ने जब रिकव्हरी के लिए किसानों को नोटिस भेजा, तब कई किसानों के पैर तले जमीन खिसक गई। वे किसान जो इतनी बड़ी राशि लिए नहीं थे। मानों उनके सामने प्राकृतिक आपदा आई हो। यह नोटिस करीब साठ से सत्तर किसानों को भेजा गया। जब किसानों ने ली गई ऋण राशि और इसके विपरीत जमा की गई राशि का मिलान किया, तब बैंक का फर्जीवाड़ा सामने आया। लुटे-ठगे किसान इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की। जिसके बाद जांच शुरु की गई, तो कई तरह का घोटाला सामने आया।

बैंक के पास नहीं रिकार्ड
फर्जीवाड़े में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि बैंक के पास किसी तरह के रिकार्ड नहीं है। न तो उन किसानों के दस्तावेज हैं, जिनके नाम पर राशि वितरित किया गया है और न ही रजिस्टर और अन्य जरुरी दस्तावेज हैं। जिन्हें आधार मानकर राशि वितरित की गई है। जिसके बाद विभाग के ही जानकार सूत्र कह रहे हैं कि इतने बड़े फर्जीवाड़े में किसी एक का काम नहीं हो सकता। बल्कि सही रुप से जांच कराई जाए, तो कई अधिकारियों और सफेदपोशों के कपड़ों में भी इसके दाग आसानी से मिलेंगे।

जबलपुर की टीम बैरंग लौटी
घोटाले की गूंज जबलपुर तक पहुंची। जबलपुर से पांच सदस्यीय टीम भी जांच के लिए यहां पहुंची, लेकिन वह टीम फर्जीवाड़े में कार्यवाही करने की बजाए बैरंग ही लौट गई। विभागीय सूत्रों ने यह भी बताया कि मामले को दबाने में अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं। इधर फर्जीवाड़े में उन किसानों को परेशान किया जा रहा है। जिनके नाम रिकव्हरी में लिखे हुए हैं। चाहे वे किसान भले ही किसी तरह का ऋण नहीं लिए हों, अब उनसे यह शपथ पत्र भरवाया जा रहा है कि जो ऋण वे लिए थे। उसे चुकता कर चुके हैं।

कार्यवाही हो रही
जरवाही केन्द्र में KCC ऋण वितरण में जो अनयिमितता की गई है। उसकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इसमें और अधिक बताया जा सकता है।
डॉ. ए मसराम, उपायुक्त सहकारिता विभाग कटनी

मुझे जानकारी नहीं
कटनी के जरवाही शाखा में KCC ऋण वितरण में किसी तरह की गड़बड़ी की जानकारी फिलहाल मुझे नहीं है। जानकारी लेकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
पंकज गुप्ता, जीएम जिला सहकारी बैंक जबलपुर

 

Created On :   31 Aug 2018 7:49 AM GMT

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