नौकरी के नाम पर युवक से 1 लाख 60 हजार रू. की आँनलाइन ठगी 

1 lakh 60 thousand rupees from the young man in the name of job. Cheated online
नौकरी के नाम पर युवक से 1 लाख 60 हजार रू. की आँनलाइन ठगी 
नौकरी के नाम पर युवक से 1 लाख 60 हजार रू. की आँनलाइन ठगी 

डिजिटल डेस्क सीधी। नौकरी के नाम पर एक युवक से आनलाइन आवेदन कराने के बाद उससे अलग-अलग किश्तों में 1 लाख 60 हजार रूपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। पीडि़त युवक इसकी शिकायत पुलिस में की है। 
6 किश्तों में जमा करवाए रू.
 गोपालदास मार्ग वार्ड क्र.9 निवासी विकास कुमार गुप्ता पिता नकछेदीलाल गुप्ता उम्र 21 वर्ष ने 23 जुलाई 2019 को एचडीएफसी बैंक में ड्रायवर पद के लिए आवेदन भरा था। आनलाइन संपर्क के दौरान ही इनकी बात एक महिला से हुई, जिसने अपना परिचय बैंकिंग एथारिटी आफ इण्डिया के कर्मचारी के रूप में दिया। उसने नौकरी देने के लिये इन्हें ई मेल के माध्यम से आवेदन फार्म का प्रारूप भेजा। साथ ही रजिस्ट्रेशन फीस के लिये 25 रूपये का शुल्क दिये गये खाते नंबर में जमा कर ई मेल के माध्यम से ही रसीद भेजने का मशवरा दिया। विकास कुमार ने मैडम के बताये अनुसार संबंधित ईमेल पर भरा हुआ फार्म एवं 25 रूपये रजिस्ट्रेशन फीस खाताधारक नंद किशोर के एकाउण्ट नंबर 517702010011629 में भेज दिया। आईएफसी कोड के  अनुसार उक्त खाता यूनियन बैंक आफ इण्डिया का था। आनलाइन फार्म जमा होने के कुछ समय बाद इन्हें एक महिला ने फिर से निर्देश दिया कि ड्रायवर पद के चयन के लिये व्हेरीफिकेशन होता है जिसके एवज में खाताधारक नंद किशोर  के उक्त खाता नंबर में 8500 रूपये का शुल्क जमा करा दिया जाय। उक्त राशि 26 जुलाई 2019 को जमा करा दी गई। इसके बाद इनके मोबाइल नंबर में फिर फोन आया कि आपका प्रोफाइल सिक्योरिटी प्रक्रिया के लिये 20 हजार 500 रूपये नंद किशोर के खाते में जमा करना पड़ेगा। जिसके बाद विकास कुमार ने 30 जुलाई 2019 को 7 हजार रूपये एवं 2 अगस्त 2019 को 13 हजार 500 रूपये जमा कर दिये। यह राशि जमा होने के बाद इनसे स्वास्थ्य बीमा प्रक्रिया के लिये 24 हजार 500 रूपये फिर नंद किशोर के खाता में जमा करने के निर्देश दिये गये। 8 अगस्त को यह राशि भीा जमा करा दी गई। उक्त राशि जमा होने के बाद बैकिंग अथारिटी आफ इण्डिया के एकाउण्ट विभाग के कर्मचारी का परिचय देते हुये वैभव भार्गव ने ड्रायवरी ट्रेनिंग के लिये 62500 रूपये खाता धारक रामकरण, हीरालाल यादव के नाम पर अलग-अलग किश्त में जमा कराने के निर्देश दिये। यह राशि भी 2 सित बर 2019 तक जमा करा दी गई। इस प्रकार कुल ड्रायवर पद के लिये नियुक्ति का झांसा देकर इनसे 1 लाख 60 हजार 500 रूपये की ठगी की गई। राशि जमा होने के बाद संबंधित व्यक्तियों द्वारा काल रिसीव करना बंद कर दिया गया जिसके बाद विकास कुमार गुप्ता केा आभास हुआ कि उनके साथ ठगी की गई है। उक्त ठगी की लिखित रिपोर्ट विकास कुमार गुप्ता द्वारा 17 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक सीधी से की गई है।
 

Created On :   22 Oct 2019 1:16 PM GMT

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