बिना आधार सब बेकार : करेक्शन करवाने कलेक्ट्रेट में उमड़ी लोगों की भीड़

1 thousand people come Collectorate to improve the Aadhar card
बिना आधार सब बेकार : करेक्शन करवाने कलेक्ट्रेट में उमड़ी लोगों की भीड़
बिना आधार सब बेकार : करेक्शन करवाने कलेक्ट्रेट में उमड़ी लोगों की भीड़

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आधार की अनिवार्यता एवं उपयोगिता जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग अपने आधार नंबर को लेकर भी सचेत होते जा रहे हैं। नागरिक अब अपने आधार में उनकी पूरी जानकारी सटीक करवाना चाह रहे हैं, जिससे उन्हें योजना का लाभ लेने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। 

गौरतलब है कि कई लोगों के आधार कार्ड तो बन गए हैं,लेकिन उनमें गलतियां होने के कारण शासन की कई योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। लोग अब इन्हें सुधरवाने में लगे हुए है। रविवार को कलेक्टर कार्यालय के मार्गदर्शन कक्ष में आयोजित आधार मेले में आए नागरिकों में सबसे ज्यादा संख्या आधार नंबर में करेक्शन करवाने वालों की थी। आधार करेक्शन करवाने वालों की बड़ी संख्या का एक और पहलू भी सामने आ रहा है कि आधार जनरेट होते वक्त या आधार बनवाते समय दिए जाने वाले सपोर्ट डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी। तभी लोगों को आधार कार्ड में त्रुटि सुधार करवाना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से लोगों के लिए शुरू की गई आधार मेले की पहल के तहत पहले ही आयोजन में लोगों की भीड़ यह बताती है कि आम जनता को आधार से जुड़ी समस्याएं से जूझना पड़ रहा है। हालांकि, कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी के निर्देशन में ई-गवर्नेंस सोसायटी की टीम की तरफ से आयोजित किए जाने वाले आधार मेलों से लोगों की तकलीफों का कुछ हद तक दूर करने की कोशश की जा रही है।

860 लोग करेक्शन कराने पहुंचे
बताया जा रहा है कि कलेक्टर कार्यालय में लगाए गए मेले में एक हजार से भी ज्यादा लोग आए। तकरीबन एक दर्जन आधार वेंडर्स ने नागरिकों की शिकायतों का निराकरण किया। आधार मेला का लाभ लेने कुल 1134 लोग पहुंचे। इनमें से सबसे ज्यादा 860 लोग ऐसे थे, जो अपने आधार नंबर में करेक्शन करवाने आए थे। इसके अलावा 156 नए पंजीयन किए गए और 32 लोगों का आधार नंबर पैन कार्ड से लिंक भी किया गया। जानकारों की मानें तो त्रुटि सुधार करवाने वालों की संख्या ज्यादा इसलिए है, क्योंकि आधार नंबर के लिए पंजीयन करवाते वक्त या तो अधूरी जानकारी उपलब्ध करवाई गई या फिर ऐसे दस्तावेज जमा करवाए गए जिसमें पहले से ही गड़बड़ी रही हो। इसके अलावा साल 2014 के पहले जनरेट हुए आधार में नागरिकों की पूरी जन्मतिथि नहीं थी। इसके चलते भी लोग अपनी पूरी जन्मतिथि जुड़वाने पहुंच रहे हैं।जानकार इस बात से भी इंकार नहीं करते कि आधार सेंटर्स से एनरोलमेंट फॉर्म भरे जाते वक्त भी गलती या अनदेखी हो सकती है, जिसके कारण संबंधित व्यक्ति की सही जानकारी आधार में अंकित नहीं हो सकी हो। 

घर नहीं पहुंच रहे आधार कार्ड
मेले के दौरान कई लोगों की यह भी शिकायत थी कि उनके आधार कार्ड जनरेट तो हो चुके हैं, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी कार्ड घर नहीं पहुंचा है। जबकि UIDAI का दावा है कि आधार कार्ड नि:शुल्क रहेगा और जैसे ही कार्ड जनरेट होगा इसे डाक के जरिए नागरिक के पते पर भेजा जाएगा। यदि कार्ड नहीं आता है तो लोगों को सायबर कैफे या अन्य साधनों से कार्ड का प्रिंट आउट निकलवाकर काम चलाना पड़ा है, जिसके लिए उन्हें निश्चित शुल्क भी देना होता है। 

ई-गर्वनेंस जिला प्रबंधक चित्रांशु त्रिपाठी का कहना है कि लोगों की सहूलियत को देखते हुए रविवार को पहला आधार मेला आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर लाभ उठाया। अब प्रत्येक अवकाश दिवस पर जिला मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक ऐसे मेलों का आयोजन निरंतर किया जाएगा।

Created On :   4 Sep 2017 4:08 AM GMT

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