एक ही मंडप पर 105 आदिवासी जोड़ों की शादी संपन्न, दो नक्सली जोड़े भी शामिल

105 tribal couples married at the same pavilion with two naxalite couple
एक ही मंडप पर 105 आदिवासी जोड़ों की शादी संपन्न, दो नक्सली जोड़े भी शामिल
एक ही मंडप पर 105 आदिवासी जोड़ों की शादी संपन्न, दो नक्सली जोड़े भी शामिल

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। विशाल मंडप, चारों तरफ लगे शामियाने में हजारों लोगों की उपस्थिति में 105 आदिवासी युगल एक दूसरे के जीवनसाथी बने। मंगल मंतेर के साथ युगलों का मंगल विवाह हुआ। मैत्री परिवार और जिला पुलिस विभाग की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में आयोजकों ने आदिवासी परंपराओं का बखूबी निर्वहन करते हुए आदिवासी समाज की सारी रस्में निभायीं। मंगल मंतेर मंगलाष्टक से सभी 105 युगलोंं को परिणय सूत्र में बांधा गया।

आदिवासी संस्कृति के अनुसार भूमिया (पंडित) ने मंत्रोच्चार कर विवाह की विधि संपन्न करवाई। आदिवासी समाज के इस प्रथम  सामूहिक विवाह समारोह की जिम्मेदारी मैत्री परिवार ने संभाली। मैत्री परिवार के सदस्यों ने नवविवाहित जोड़ों को जीवनावश्यक सामग्री प्रदान की। मंगलसूत्र भी मैत्री परिवार ने ही उपलब्ध करवाए। इतना ही नहीं इन युगलों के साथ गड़चिरोली पहुंचे, उनके परिजनों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उनके लिए विशेष व्यवस्था की गई। आयोजन को सफल बनाने के लिए 14 समितियां गठित की गईं थीं।30 हजार वर्ग फीट की जगह पर विवाह मंडप और 20  हजार वर्ग फीट में भोजन मंडप में बनाया गया था। भीषण गर्मी से लोगों को बचाने के लिए समारोह स्थल पर कूलर और ठंडे पानी की भी व्यवस्था की गई।

 

 

आदिवासी देवताओं की पूजा के बाद में हुए फेरे

सामूहिक विवाह समारोह में अतिथियों के संबोधन के तुरंत बाद आयोजकों ने विवाह की रस्में शुरू कीं। इस समारोह में शामिल 12  उपविभाग के जोड़ों को 12 विभागों में बांटा गया। सर्वप्रथम भूमिया के मंत्रोच्चार के बीच आदिवासी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की गई। बाद में आदिवासी मंगलाष्टक से विवाह की रस्में शुरू हुईं। वरमाला के बाद सात फेरों के साथ विवाह संपन्न हुआ। इस समय भूमिया ने नव दंपतियों को वैवाहिक जीवन की जिम्मेदारियां भी समझाईं। पति-पत्नी को सुख-दुख में साथ रहने की कसम दिलवाई गई।

 

 

आदिवासियों के सुख-दुख को बांटता मैत्री परिवार

मैत्री परिवार नागपुर के अध्यक्ष संजय भेंडे ने कहा कि नागपुर के मैत्री परिवार ने अब तक आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले में कई सामाजिक कार्य किए हैं। दीपावली पर मैत्री परिवार के सदस्योंने नक्सल प्रभावित ग्राम येलचिल में जाकर वहां के आदिवासियों के साथ दीपोत्सव मनाया। प्रतिवर्ष बारिश से पहले मैत्री परिवार की ओर से जिले के आदिवासियों के लिए 50 से 60 हजार रुपए की दवाइयां नि:शुल्क भेजी जाती हैं। आदिवासियों को नए कपड़े भी परिवार द्वारा दिए जाते हैं। अपनी परंपरा को निभाते हुए परिवार ने आदिवासी जोड़ों के लिए सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया। पुणे में भी मैत्री परिवार के कार्य निरंतर जारी हैं। गड़चिरोली के आदिवासी नागरिक काफी मिलनसार हैं। यह सामूहिक विवाह सम्मेलन देश का पहला आयोजन कहें, तो कोई अतिशयोक्ति न होगी।

 

 

 

2 नक्सली जोड़े भी हुए एक दूजे के

इस भव्य आदिवासी सामूहिक विवाह में दो नकस्ली जोड़े भी एक-दूजे के हिए।इस अवसर पर इन नक्सली जोड़े ने कहा कि बंदूक का भय दिखाकर कथित विकास असंभव है। विकास की धारा के साथ जुडऩा है तो सरकार की समर्पण योजना का लाभ उठाकर नक्सली समर्पण करें। लाल आतंक में विकास नहीं है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मुख्यधारा में लौट आएं। अभिनव लॉन में नागपुर के मैत्री परिवार, जिला पुलिस विभाग, धर्मदाय आयुक्त नागपुर तथा श्री सार्इं सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में 105 आदिवासी जोड़ों को परिणय सूत्र में बांधा गया। इस समारोह में माड़ डीविजन (प्रेस विभाग) के नक्सल सदस्य मरकेगांव निवासी नरेश उर्फ अर्जुन पोया तथा पेरमिली नक्सल दलम सदस्य कियर निवासी छाया उर्फ राजे कुडयेटी और कंपनी क्रमांक 4 के सदस्य कांचनगुड़ा निवासी सैनू उर्फ झुरू वेदला तथा कोइंदूर निवासी झुरी उर्फ रूपी कांडे नरोटे का भी विवाह हुआ।

Created On :   30 April 2018 8:04 AM GMT

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