नागपुर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह 24 को, दी जाएंगी 48,381 डिग्रियां

105th convocation of Nagpur University on 24th March
नागपुर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह 24 को, दी जाएंगी 48,381 डिग्रियां
नागपुर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह 24 को, दी जाएंगी 48,381 डिग्रियां

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी का  105वां दीक्षांत समारोह 24 मार्च को हो रहा है। सिविल लाइंस स्थित देशपांडे सभागृह में सुबह 10 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। समारोह में  यूनिवर्सिटी द्वारा कुल 142 पीएचडी, 16 हजार 259 पोस्ट ग्रेजुएट और 31 हजार 980 ग्रेजुएट डिग्रियां प्रदान की जाएगी।  कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने यह जानकारी दी। प्रेस कांफ्रेंस में  प्र.कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले, परीक्षा नियंत्रक डॉ. नीरज खटी और वित्त व लेखाधिकारी डॉ. राजू हिवसे उपस्थित थे। इस वर्ष डॉ. आंबेडकर लॉ कॉलेज के पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम के विद्यार्थी राहुल बजाज को सर्वाधिक 20 मेडल और पुरस्कार दिए जाएंगे। सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ लॉ के तीन वर्षीय एलएलबी छात्र सौरभ त्रिवेदी को 13 और शासकीय विज्ञान संस्था की छात्रा रचना कनोजिया और श्रीमती बिंझाणी महिला महाविद्यालय की छात्रा सायली पेशवे को 12-12 मेडल और पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। 

आगे ही बढ़ना है
मैं नेत्रहीन हूं, यह बताते ही लोग सहानुभूति की नजरों से देखते हैं। इससे मन में किसी पर निर्भर होने की भावना उत्पन्न होती है, लेकिन अपनी बुद्धि क्षमता के अनुसार जो चाहिए वह हासिल करना संभव है। जीवन में ऐसी अनेक घटनाएं होती हैं, जो विकट परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति दे जाती हैं। इसलिए पिता ने सामान्य विद्यार्थियों के साथ ही स्कूल में डाला। फिलहाल दिल्ली में एक कॉर्पोरेट फर्म में कार्यरत हूं। मेरी नेत्रहीनता कमजोरी नहीं, ताकत है। मुझे हाल ही में  रोड ट्रस्ट की दो वर्ष की स्कॉलरशिप भी मिली है। मुझे यहीं नहीं रुकना, आगे बढ़ना है।  - राहुल बजाज

जर्नलिज्म में आना है
बचपन से ही संगीत में रुचि थी। हाल ही में आकाशवाणी के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था, लेकिन अब आगे चल कर जर्नलिज्म  करना है। कॉलेज में की गई पढ़ाई के अलावा स्वाध्याय भी सफलता के लिए मायने रखता है। स्वाध्याय चिंतन-मनन कराता है, जिससे पढ़ाई अच्छी होती है। पिता सुरेंद्र पेशवे निजी नौकरी मंे हैं और माता अनुपमा पेशवे गृहिणी हैं। दोनों के सहयोग से ही जीवन में निरंतर आगे बढ़ रही हूं। - सायली पेशवे

हादसे के बाद भी 12 मेडल
परीक्षा के 20 दिन पहले मेरे साथ हादसा हो गया था, फिर भी हिम्मत नहीं हारी। पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दी। अब 12 मेडल और पुरस्कार मिले हैं, तो अच्छा लगा रहा है। शासकीय विज्ञान संस्था से पढ़ाई करने के बाद अब कैंपस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हूं। मुझे अब आईपीएस बनना है। मेरे पिता प्रकाश कनोजिया ड्राय क्लीन का व्यवसाय करते हैं। उनका और माता शांति कनोजिया का हमेशा ही सहयोग प्राप्त हुआ है। सफलता का श्रेय उन्हीं को जाता है।  -रचना कनोजिया

पिता की तरह बनना चाहता हूं जज
मेरे पिता शरद त्रिवेदी गोंदिया जिला न्यायालय में जज हैं। उन्हीं को देख कर मुझे भी विधि जगत में आने की प्रेरणा मिली। मुझे भी आगे चल कर जज बनना है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद मैंने एलएलबी में प्रवेश लिया। विवि अब मेडल आैर पुरस्कार से नवाज रहा है, तो आत्मविश्वास बढ़ा है कि विधि क्षेत्र में और अच्छा करूंगा। फिलहाल नागपुर जिला न्यायालय और हाईकोर्ट में एड. राजेश तिवारी को सहयोग कर रहा हूं। आगे चल कर जज बनने की तैयारी करूंगा। मैं सफलता का श्रेय पिता और माता शशिकला त्रिवेदी समेत समस्त शिक्षकों, परिजनों और मित्रों को देता हूं।   - सौरभ त्रिवेदी

Created On :   23 March 2018 8:33 AM GMT

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