अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: जानिए क्यों की गई अधिकारों के इस अहम दिन की शुरूआत
- अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस आज
- अधिकारों की याद में 10 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ मनाया जाता है।
डिजिटल डेस्क। चिल्ड्रन्स डे, वुमन्स डे, फादर्स डे, मदर्स डे देश और दुनिया ऐसी ही ना जाने कितने दिन सेलिब्रेट किए जाते है। आज 10 दिसंबर है, आज का दिन भी एक अहम दिन है। क्योंकि इस दिन को अधिकारों का दिन माना जाता है। ये तो सभी जानते है कि इस दिन अधिकारों के बिना जीवन गुलाम की तरह हो जाता है। अधिकारों के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी गई। अधिकारों के लिए आज भी कई लोग अपने जीवन में संघर्ष कर रहे हैं। अधिकारों की याद में 10 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ मनाया जाता है। आइए जानते है कि आखिर क्यों इस अधिकारों के इस अहम दिन की शुरूआत की गई।
अधिकारों को सबसे अहम स्थान दिया गया है। ये दिन कई लड़ाइयों को भी याद दिलाता है। अधिकारों की शक्ति पहचानने के लिए इसकी शुरूआत की गई। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसम्बर के दिन को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों का ध्यान मानवाधिकारों की ओर आकर्षित करना था। साल 1948 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली ने इसे अपनाया और इसकी शुरुआत की। आधिकारिक तौर पर साल 1950 में असेंबली ने 423 (V) रेज्योलुशन पास कर सभी देशों और संबंधित संगठनों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की थी। 48 देशों ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के साथ इस दिन को मनाया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया में सभी लोगों के लिए एक समान मानकों को स्थापित करना था। इसके साथ ही मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्म और सितम को रोकने के लिए एक वैश्विक प्रयास था।
भारत में मानवाधिकार
पूरी दुनिया से अलग भारत में 28 सितंबर 1993 मानवाधिकार कानून अमल में आया। इसी को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया। ये आयोग राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्षेत्रों में भी काम करता है। जैसे मज़दूरी, HIV एड्स, हेल्थ, बाल विवाह, महिला अधिकार आदि।
संयुक्त राष्ट्र का घोषणा पत्र
10 दिसंबर 1948 को "संयुक्त राष्ट्र असेंबली" ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर पहली बार इंसान की बुनियादी मुक्ति पर घोषणा थी। 70 वर्ष से पहले हुआ पारित "मानवाधिकार घोषणा पत्र" एक बड़ी उपलब्धि रहा। जहां समृद्धि, प्रतिष्ठा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रति मानवीय आकांक्षा थी।
Created On :   10 Dec 2018 5:33 AM GMT