11 ड्रोन कैमरों की नजर में होगा भीमा कोरेगांव का विजय स्तंभ

11 drone cameras will be in full view of Koregaon Bhima area, Government took temporary possession
11 ड्रोन कैमरों की नजर में होगा भीमा कोरेगांव का विजय स्तंभ
11 ड्रोन कैमरों की नजर में होगा भीमा कोरेगांव का विजय स्तंभ

डिजिटल डेस्क,पुणे। कोरेगांव भीमा स्थित विजय स्तंभ इलाके में 1 जनवरी 2019 को किसी भी प्रकार की हिंसक न हो सके, इस कारण जिला प्रशासन 11 ड्रोन कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखेगा। कलेक्टर नवल किशोर राम के मुताबिक यह कदम सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उठाया गया है। आपको बता दें कि हर साल 1 जनवरी को विजय स्तंभ पर अभिवादन करने लाखों लोगा आते हैं। इस साल की शुरुआत यानी एक जनवरी को दो गुटों में घमासान हुआ था। इस दौरान पथराव, आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया था। इसमें एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लेकिन इस बार ऐसा कुछ न हो, इसके लिए राज्य सरकार, पुलिस और जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। 

पिछली घटना से सबक
कलेक्टर ने बताया कि इस साल हुई हिंसक घटना को देखकर कोरेगांव भीमा में रह रहे नागरिकों में डर का माहौल बना था। लेकिन समय- समय पर प्रशासन ने उनसे चर्चा की साथ ही इफाजत को लेकर भरोसा दिलाया। 1 जनवरी 2019 को इलाके में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त होगा। पिछली बार की तुलना में पुलिस की संख्या अधिक होगी। माना जा रहा है कि पंद्रह गुना ज्यादा जवान ज्यूटी पर लगाए जाएंगे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात होगी। ड्रोन कैमरों के जरिए हर हलचल पर नजर रखी जाएगी। प्रशासन ने अपील की कि नागरिक सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास ना करें।

राज्य सरकार ने किया अस्थायी कब्जा
1 जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा परिसर में हुई हिंसक घटना के बाद राज्य सरकार ने पुणे जिलाधिकारी के जरिए मुंबई हायकोर्ट में 30 दिसंबर से 2 जनवरी के दौरान कई सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी के लिए आवेदन दिया था। जिसपर न्यायाधीश बी. पी. कुलाबावाला ने अस्थायी तौर पर जगह का कब्जा राज्य सरकार को देने के निर्देश दिया। इसलिए अब सरकार की निगरानी में ही यहां कार्यक्रम होंगे। 12 जनवरी 2019 तक संबंधितों को स्थान सौंप दिया जाएगा। 

12 जनवरी तक सरकार के कब्जे में रहेगी विजय स्तंभ की जमीन
 
उधर बांबे हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगाव स्थित विवादित ‘विजय स्तंभ’ की जगह को कुछ समय के लिए सरकार को सौंप दिया है। ताकि वहां पर 30 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से किया जा सके। कार्यक्रम के बाद जगह को उसकी मूल स्थिति में रखा जाएगा। न्यायमूर्ति बीपी कुलाबावाला के सामने पुणे जिलाधिकारी की ओर से किए गए आवेदन पर सुनवाई हुई। सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने न्यायमूर्ति से अंशकालिक समय के लिए जमीन सौपने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति ने सरकारी वकील के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए आगामी 12 जनवरी तक विजय स्तंभ की जमीन कब्जा सरकार को सौप दिया। 
 

Created On :   26 Dec 2018 1:02 PM GMT

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