12 प्राइवेट कॉलेजों का साथ चुनाव कराने से इंकार, RDVV ने फटकार लगाई

12 private colleges of Katni refused to hold elections simultaneously
12 प्राइवेट कॉलेजों का साथ चुनाव कराने से इंकार, RDVV ने फटकार लगाई
12 प्राइवेट कॉलेजों का साथ चुनाव कराने से इंकार, RDVV ने फटकार लगाई

डिजिटल डेस्क  जबलपुर ।  प्राईवेट कॉलेजों में 27 नवम्बर को होने वाले छात्र संघ चुनाव की समीक्षा बैठक आज होमसाइंस कॉलेज में आयोजित की गई। बैठक में संभाग के सभी प्राईवेट कॉलेजों के प्रार्चाय और चुनाव अधिकारियों को बुलवाया गया था। इसी दौरान कटनी के 12 निजी कॉलेजों ने एक साथ चुनाव न कराने का पत्र देकर सनसनी फैला दी। इन कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने कहा कि छात्र संघ चुनाव परीक्षा के दौरान कराए जा रहे हैं इससे शैक्षणिक कैलेेंडर प्रभावित हो रहा है और हमारे कॉलेजों के छात्र-छात्राएं चाहते हैं किचुनाव न हो इसलिए हमने चुनाव न कराने का निर्णय लिया है। इससे समूचे उच्च शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को आनन फानन में पत्र जारी करना पड़ा कि जो भी कॉलेज चुनाव नहीं कराता है उसकी सम्बद्द्धता समाप्त की जाएगी। होम साइंस कॉलेज में सुबह के सत्र में क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. केएल जैन तथा भोपाल से आए उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कतृव्र्यनिष्ठ अधिकारी डॉ. अमित जैन और डॉ. मनोज सिंह की मौजूदगी में सभी निजी कॉलेजों के प्राचार्यों और चुनाव अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई गई  थी। बैठक में शंकाओं का समाधान किया गया और इसी दौरान कटनी के 12 कॉलेजों ने पत्र सोंपकर चुनाव न कराने का निर्णय सुना दिया। डॉ. जैन ने उनसे पूछा कि आखिर वे चुनाव क्यों नहीं कराना चाहते तो उन्होने साफ कहा कि छात्र-छात्राएं ही नहीं चाहते तो हम क्या करें। इससे बैठक में सनाका खिंच गया क्यों कि इसकी किसी को उम्मीद ही नहीं थी। इसके बाद अतिरिक्त संचालक ने तत्काल ही इसकी जानकारी प्रदेश शासन के साथ ही रादुविवि के रजिस्ट्रार को भी दी।
रादुविवि ने जारी किया चेतावनी पत्र- जानकारी मलते ही रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के नाम से एक पत्र जबलपुर, कटनी, डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट और छिंदबाड़ा सहित सभी 8 जिलों को  जारी किया गया जिसमें साफ कहा गया है कि सभी गैर अनुदान प्रापत निजी महाविद्यालयों में छात्र संघ निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाना है और यह प्रक्रिया स्वैच्छिक न होकर बंधनकारी है। महाविद्यालय यदि चुनाव नहीं कराते हैं तो विश्वविद्यालय महाविद्यालय की सम्बद्द्धता समाप्त करने की कार्रवाही के लिए बाध्य होगा तथा शासन स्तर पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी कॉलेजों से क्यों आ रहे चुनाव अधिकारी- इसी बैठक में दबी जुबान से ही सही पर कुछ कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने यह भी सवाल दागा कि आखिर निजी कॉलेजों में सरकारी कॉलेजों से चुनाव अधिकारी क्यों आ रहे हैं। उन्होने कहा कि इससे यह पता चलता है कि या तो निजी कॉलेजों के प्राध्यापक इस काबिल नहीं हैं या फिर शिक्षा विभाग को उन पर भरोसा नहीं है। हालाकि इस सवाल का किसी ने भी कोई उत्तर नहीं दिया।
कई कॉलेजों में आरक्षण ही नहीं हुए- एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष विजय रजक ने आरोप लगाया कि अनेक कॉलेजों के प्रबंधन को नियमों की जानकारी ही नहीं है। कई कॉलेजों में अभी तक आरक्षण ही नहीं हुए हैं। यहां के चुनाव अधिकारी भी कोई जानकारी नहीं देते क्यों कि उन्हें खुद ही कुछ नहीं पता है। विजय का कहना है कि आज कई कॉलेजों में जाकर जानकारी ली गई तो वहां के अधिकारियों ने हाथ खड़े कर लिए अब भला ये कैसे छात्र-छात्राओं को जानकारी देंगे।
लग ही नहीं रहा कि चुनाव हो रहे हैं- ज्यादातर कॉलेजों में ऐसा लग ही नहीं रहा है कि वहां चुनाव हो रहे हैं। इससे यह पता चलता कि छात्र संघ चुनाव का यह चरण मात्र औपचारिक ही रहेगा। एक तो प्रथम चरण के बाद लम्बा अंतराल दूसरा परीक्षा के बीच में चुनाव कराने का नर्णय भी मुसीबत वाला बन गया है।

 

Created On :   23 Nov 2017 3:09 AM GMT

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