12 वीं का टॉपर था, मुठभेड़ में मारा गया ये इनामी नक्सली

12th topper naxalite died in police encounter in gadhchiroli
12 वीं का टॉपर था, मुठभेड़ में मारा गया ये इनामी नक्सली
12 वीं का टॉपर था, मुठभेड़ में मारा गया ये इनामी नक्सली

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। बुरे कामों का अंजाम भी बुरा हुआ करता है और यही हुआ किसी जमाने के टॉपर, होनहार छात्र के साथ। अक्सर किशोरावस्था में सही दिशा न मिलने से बच्चे भटक जाते हैं और कभी-कभी तबाही की राह पर निकल पड़ते हैं। संभवत: कुछ ऐसा ही हुआ नंदू उर्फ वासुदेव आत्राम के साथ। साइंस लेकर पढ़ाई की और बारहवीं में टॉपर रहा लेकिन नक्सलियों के साथ मिलकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर दी। अहेरी एरिया कमेटी सचिव नंदू  पुलिस मुुठभेड़ में मारा गया।

 

नक्सलियों के साथ मिलकर बर्बाद हुआ ये होनहार छात्र
किसी जमाने में अपने प्रखर बुद्धि से किसी को भी हक्का बक्का कर देनेवाले नंदू का इतना दर्दनाक अंत होगा, संभवत: यह किसी ने भी नहीं सोचा होगा। कौन है नंदू, यह सवाल सहज ही किसी के भी जेहन में आएगा। सोमवार को अहेरी तहसील के जंगल में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में नंदू मारा गया जो कि, किसी जमाने में अपनी स्कूल का होनहार छात्र हुआ करता था। नक्सलियों के बहकावे में आकर उसने अपना जीवन तबाह कर लिया। फिलहाल अहेरी एरिया कमेटी सचिव के तौर पर वह नक्सलियों के दल में कार्य कर रहा था।

 

अहेरी तहसील अंतर्गत क्षेत्र के घने वनों में नक्सलियों के साथ हुई पुलिस की मुठभेड़ में अहेरी ऐरिया कमेटी के सचिव नंदू की जान चली गई। नंदू 12 वीं कक्षा में विज्ञान संकाय से अपनी स्कूल मेंं प्रथम आया था लेकिन इसके बाद उसे सही दिशा नहीं मिल पायी और वह अपनी राह से भटक गया। अहेरी एरिया कमेटी सचिव नंदू का मूल नाम वासुदेव आत्राम है। वह अहेरी तहसील अंतर्गत ग्राम  अर्कापल्ली का रहनेवाला था। उसने 12 वीं कक्षा तक अहेरी तहसील अंतर्गत ग्राम पेरमिली की आश्रमशाला में रहकर ही अपनी शिक्षा पूरी की। विशेष रूप से वर्ष 2001-02 में घोषित हुए कक्षा 12 वीं के नतीजों में नंदू ने विज्ञान शाखा में स्कूल से प्रथम स्थान भी हासिल किया था।

 

शुरू से ही होशियार था नंदू
बताया जाता है कि, वह शुरू से ही पढ़ाई में होशियार था। हर कक्षा में वह अच्छे अंक हासिल  कर सभी को अचंभित कर दिया करता था। इसके साथ ही वह अपने परिवार के कामों में हाथ भी बंटाया करता था। एक साधारण परिवार में जन्मे इस छात्र की होशियारी देख हर कोई अचंभित हो जाया करता था। जिस समय वह 12 वीं कक्षा में पहुंचा न जाने कैसे वह नक्सलियों के संपर्क में आकर नक्सल आंदोलन से जुड़ गया। कुछ वर्ष तक उसने  सदस्य के रूप में काम किया जिसके बाद उसे पदोन्नति मिलती चली गई। वर्तमान में वह अहेरी  एरिया कमेटी का सचिव के रूप में कार्य कर रहा था।   यदि नक्सल आंदोलन से नहीं जुड़ता तो संभवत: आज वासुदेव आत्राम उर्फ नंदू किसी ऊंचे मुकाम पर होता।  उल्लेखनीय है कि, नंदू पर 16 लाख का इनाम था और करीब 98 अपराधिक मामलों में उसकी लिप्तता थी। 

Created On :   25 April 2018 5:55 AM GMT

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