मेलघाट के धारणी में कुपोषण का दंश झेल रहे 1,823 बच्चे

1823 malnourished children in Dharni Tehsil of Maharashtra
मेलघाट के धारणी में कुपोषण का दंश झेल रहे 1,823 बच्चे
मेलघाट के धारणी में कुपोषण का दंश झेल रहे 1,823 बच्चे

डिजिटल डेस्क, धारणी(अमरावती) । कुपोषण से निपटने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है बावजूद इसके प्रशासन की उदासीनता और ढुलमुल कार्यप्रणाली के चलते अतिदुर्गम क्षेत्रों में कुपोषण का दंश मासूम झेल रहे हैं। मेलघाट में यह आंकड़े चौंकाने वाले सामने आए हैं। 283 आंगनवाड़ी केंद्रों का सर्वे करने पर पता चला कि धारणी तहसील में कुल 0 से 6 आयुवर्ग के 22,013 बालकों का पंजीयन किया गया। जिसमें से कुपोषित बालकों की संख्या 1,620 मैम और 203 सैम श्रेणी में दर्ज है। ऐसे कुल 1,823 कुपोषित बालक मेलघाट में होने के बावजूद भी प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ नजर आ रहा है।

माता और शिशु की मौत के आंकड़े हर साल चौंका रहे
बताया जाता है कि मेलघाट क्षेत्र में चिखलदरा व धारणी इन दोनों तहसील अंतर्गत आने वाले गांवों में बड़े पैमाने पर कुपोषण के चलते नवजात शिशु व बालकों की मृत्यु का आंकड़ा  बड़े पैमाने पर है। लेकिन अभी तक जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों व्दारा किसी तरह के ठोस कदम नहीं उठाए गए। केवल अपनी पीठ थपथपाने के लिए अधिकारी मेलघाट के दौरे कर घूमफिरकर वापस आते हैं। जिससे मेलघाट में कुपोषण दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहा है। विगत दो साल में कुपोषण की चपेट में आने वाले बालकों की मौत हो जाने की संख्या अधिक है। जिसमें सन 2016-17 में 0 से 1 वर्ष आयुवर्ग के 182 बालकों की मौत हो चुकी है। सन 2017-18 मेें 0 से 1 वर्ष आयुवर्ग के कुल 147 बालकों की मौत हुई है। जबकि सन 2016-17 में एक वर्ष आयुवर्ग से लेकर 6 वर्ष आयुवर्ग के 96 कुपोषित बालकों की मौत हुई है। सन 2017-18 में 1 से 6 वर्ष आयुवर्ग के कुल 37 बालकों की मौत हुई है। इसके अलावा इसी दो वर्ष में माता मृत्यु की संख्या भी 16 के आसपास है। जिसमें 2016-17 में 10 माता तथा 2017-18 में 6 माताओं की मौत हो चुकी है। जिसका धारणी के स्वास्थ्य विभाग में पंजीयन है।

मेलघाट का बढ़ता कुपोषण देखते स्वास्थ्य विभाग व्दारा 10 अप्रैल 2018 से 22 अप्रैल 2018 तक धारणी तहसील अंतर्गत  263 आंगनवाडिय़ों के जरिए गांव-गांव का सर्वे किया गया तो पता चला कि धारणी तहसील में 0 से 6 आयुवर्ग के कुल 22,013 कुपोषित बालकों का पंजीयन है। जिसमें कुपोषित श्रेणी में 1,620 मैम श्रेणी में है व 203 बालक सैम श्रेणी में है। सैम श्रेणी जो बालक है इन सभी बालकों को आईसीडीएस व्दारा उपचार दिया जा रहा है। साथ ही इन सभी बालकों को बाल उपचार केंद्रों में भर्ती किया गया है। इन सभी पर स्वास्थ्य विभाग की नजरें लगी है। आखिर इस तरह की स्थिति मेलघाट क्षेत्र में किस वजह से पैदा होती है, इस बात को लेकर अभी तक राज्य सरकार व्दारा किसी ने भी जांच नहीं की। मेलघाट क्षेत्र में सरकारी अस्पताल होने के बावजूद भी धारणी क्षेत्र के आदिवासी नागरिक आज भी अंधश्रध्दा पर विश्वास रखते हैं। बालक या माता की तबीयत बिगड़ जाने के बाद वह पहले बाबा के पास ले जातें फिर गांव के किसी झोलाछाप डाक्टर के पास ले जाते हैं। इसी वजह से मेलघाट का यह कुपोषण थमने का नाम नहीं ले रहा है।

कुपोषित बच्चों का उपचार जारी
अप्रैल माह में सर्वे करने पर पता चला कि कुल 1,823 कुपोषित बालक पाए गए। जिसमें सैम श्रेणी में 203 व मैम श्रेणी में 1,620 बालकों का समावेश है। इन सभी बालकों को उपचार हेतु हमने बाल उपचार केंद्र में भर्ती कर औषधोपचार के साथ पोषक आहार भी शुरू कर दिया है।
डा. निशिकांत पवार, स्वास्थ्य अधिकारी, धारणी

Created On :   17 May 2018 9:14 AM GMT

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