ज्यादती का शिकार 22 पीडि़ताओं को अभी भी न्याय का इंतजार

22 victims of atrocities still awaiting justice
ज्यादती का शिकार 22 पीडि़ताओं को अभी भी न्याय का इंतजार
ज्यादती का शिकार 22 पीडि़ताओं को अभी भी न्याय का इंतजार


डिजिटल डेस्क शहडोल। हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ हैवानियत की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के इनकाउंटर के बाद दोषियों को शीघ्रता से दण्डित करने की चर्चा चल पड़ी है। जिले में भी ऐसे हैवान मौजूद हैं जिन्होंने ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है, जिनको सजा मिलना आवश्यक है। जिले में 22 मामलों के ऐसे आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं, जिन्होंने महिलाओं, युवतियों व किशोरियों की इज्जत से खिलवाड़ किया है। पुलिस में दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2019 से लेकर 30 नवंबर तक की अवधि में दुष्कृत्य के 98 से अधिक मामले हो चुके हैं। इनमें से 74 मामलों की जांच पड़ताल करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी करके चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। कई मामलों में आरोपियों को न्यायालय से सजा भी हो चुकी है। जबकि 22 मामले लंबित हैं। जिनमें या तो आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। अथवा यदि किसी मामले में एक से अधिक आरोपी पाए गए हंैं तो उनमें से दूसरा फरार चल रहा है। 
पुलिस चला रही अभियान-
दुष्कृत्य के अलावा जिले में इस वर्ष अब तक अपहरण के 196 से अधिक मामले पुलिस में दर्ज हो चुके हैं। अपहरण से संबंधित ज्यादातर मामलों में विवेचना के बाद दुष्कृत्य के सामने आते हैं। इन मामलों के निराकरण के लिए भी विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। हर मीटिंग में दुष्कृत्य और महिला अपराधों की समीक्षा होती है। आरोपियों की गिरफ्तारी व घटनाओं पर अंकुश लगाने जागरुकता अभियान पर भी जोर दिया जा रहा है।
हर जगह नहीं निर्भया की पहुंच-
महिला संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने तथा जागरुकता लाने के लिए महिला सेल के माध्यम से निर्भया टीम पृथक से बनाई गई है। निर्भया मोबाइल की पहुंच अभी जिले के बाहर तक नहीं है। शहर के कन्या कॉलेज, स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों खासकर पार्क, दूर दराज के मंदिर आदि में निर्भया मोबाइल की टीम को प्रापर गश्त करना है। लेकिन विराट मंदिर, बूढ़ी माई मंदिर के पास, बाणगंगा पार्क आदि के क्षेत्रों में निर्भया मोबाइल का गश्त नहीं हो पाती, जिसके कारण उक्तस्थानों पर अप्रिय घटनाओं के घटित होने का अंदेशा बना रहता है। 
इनका कहना है- 
महिला अपराधों से संबंधित मामलों का निकाल अभियान चलाकर किया जा रहा है। इस वर्ष 22 मामले ही लंबित हैं, 74 का निकाल हो चुका है। निर्भया टीम संवेदनशील इलाकों में गश्त करती है।  
प्रवीण कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

Created On :   8 Dec 2019 5:15 PM GMT

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