युवती को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म  करने के आरोपी को 24 वर्ष का सश्रम कारावास 

24 years of rigorous imprisonment for the rape of a woman by trapping a woman
युवती को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म  करने के आरोपी को 24 वर्ष का सश्रम कारावास 
युवती को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म  करने के आरोपी को 24 वर्ष का सश्रम कारावास 

डिजिटल डेस्क सतना। धर्म छिपाते हुए नाम बदल कर एक युवती को प्रेमजाल में फंसाने और शादी का झांसा देकर अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर मैहर के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज लढिय़ा की अदालत ने 22 वर्षीय अभियुक्त अतीक खान पिता हालिक मोहम्मद निवासी ग्राम सागर थाना छपारा, जिला सिवनी  को अलग-अलग धाराओं में 24 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त अतीक खान को 9 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है।  
शादी का झांसा देकर ले गया था आंध्रप्रदेश  
प्रकरण के मुताबिक वर्ष 2017 में एक दिन पीडि़ता के मोबाइल पर एक कॉल आई। ये रांग नंबर था। युवती का नाम जानने के बाद  आरोपी ने युवती को कई फोन लगाए। उसने स्वयं का नाम समर मिश्रा बताकर युवती से दोस्ती कर ली। दोनों के  बीच मोबाइल पर बातें होने लगीं। जब युवती पूरी तरह से इस अज्ञात आरोपी के प्रेम जाल में फंस गई तो उसने शादी का झांसा देकर बुलाया और उसे अगवा कर  आंध्रप्रदेश ले गया। उसने वहां युवती से दुष्कर्म कर उसका दैहिक शोषण किया।
ऐसे हुआ था खुलासा 
जब पीडि़ता युवती को आरोपी की चाल समझ में आई तो उसने जैसे -तैसे आंध्रप्रदेश की पुलिस से संपर्क साधा और सारी सच्चाई बता दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और पीडि़ता की दस्तयाबी की सूचना परिजनों को दी। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि समर मिश्रा उसका छद्म नाम है। उसने पुलिस को बताया कि उसका वास्तविक नाम अतीक खान पिता हालिक मोहम्मद है, वो सिवनी जिले के छपारा थाना क्षेत्र के सागर गांव का रहने वाला है। उसने, युवती को प्रेमजाल में फंसा कर उसका दैहिक शोषण करने के लिए  अपनी पहचान बदली थी। इस मामले में मैहर थाने में पुलिस ने आरोपी अतीक खान के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का अपराध दर्ज करते हुए  विवेचना प्रारंभ की और फिर अदालत में चार्जशीट पेश कर दी। अभियोजन की ओर से अदालत में वैज्ञानिक साक्ष्य के अलावा 8 साक्षियों को पेश किया गया। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त डीपीओ गणेश पांडेय ने पक्ष रखा।
अदालत ने माना गंभीर है अपराध  
अदालत ने आरोपी अतीक खान पिता हालिक मोहम्मद की सजा में रहम की अपील  को दरकिनार करते हुए लेख किया कि आरोपी ने पीडि़ता से उसके धर्म के व्यक्ति (समर मिश्रा) के नाम से दोस्ती कर अपराधिक कृत्य किया है जबकि आरोपी दूसरे नाम और धर्म का व्यक्ति था। आरोपी का अपराध न सिर्फ पीडि़ता के लिए घातक है, बल्कि देश के साम्प्रदायिक सौहाद्र्र के भी विपरीत है। आरोपी के अपराध से साम्प्रदायिक सौहाद्र्र बिगडऩे और देश की शांति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका थी। अदालत ने आरोपी को आईपीसी की धारा 365 और 366 में 7-7 साल और आईपीसी के ही सेक्सन 376(2-एन)  के तहत 10 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है।  
 

Created On :   19 Nov 2019 8:55 AM GMT

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