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बारिश में रोड़ा बन सकते हैं रेलवे के 25 संवेदनशील प्वाइंट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मीलों का सफर तय करने वाली रेलगाड़ियों के लिए बारिश में संवेदनशील प्वाइंट रोड़ा बन सकते हैं। मध्य रेलवे नागपुर मंडल की बात करें तो कुल 25 से ज्यादा ऐसे प्वाइंट हैं, जहां लगातार बारिश से रेलगाड़ियों को ब्रेक लग सकता है। ऐसे में रेलवे ने अभी से इनकी देख-रेख शुरू कर दी है। यही नहीं, मानसून पूर्व तैयारी भी पूरी कर ली गई है।
यहां होता है खतरा
गंतव्य की ओर सरपट दौड़ती रेल गाड़ी को बारिश में संवेदनशील प्वाइंट से खतरा रहता है। मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत ऐसे 25 से ज्यादा प्वाइंट हैं, जिनमें टनल, कटिंग के साथ पुलों का समावेश है। 10 टनल व कटिंग के साथ 15 से ज्यादा ऐसे पुल हैं, जो बारिश में रेल की रफ्तार को रोक सकते हैं। ज्यादातर संवेदनशील टनल व कटिंग दिल्ली लाइन पर हैं। इसमें धाराखोह व मरमझिरी के दरमियान 2 टनल व 1 कटिंग हैं। वहीं टाकू केसला स्टेशन के बीच दो कटिंग है। चिंचोडा व घुडनखापा के दरमियान दो कटिंग है। वहीं, घुडनखापा व तिगांव के दरमियान 2 कटिंग है। दारीमेरा व नरखेड़ के दौरान 1 कटिंग का समावेश है।
मानसून पूर्व तैयारी पूरी
रेलवे को गुजरने के लिए पहाड़ियों को मैनुअली चीरकर रास्ता बनाया जाता है, जिसे टनल व कटिंग कहते हैं। टनल यानी यानी पहाड़ियों में किया गया सुरंग, जहां से गाड़ियां निकलकर गंतव्य की ओर बढ़ती हैं। वहीं, कटिंग यानी दो आपास में चिपकी पहाड़ियों के बीच से बनाया गया रास्ता होता है। जानकारों की मानें तो मूसलाधार बारिश व तेज तूफान के दौरान इन पहाड़ियों से बड़े चट्टान सरकते पटरियों पर आकर रेलवे को रोक सकते हैं। ट्रैक के आस-पास के पेड़ भी चलती गाड़ियों को रोकने का कारण बन सकते हैं। ऐसे में बारिश के पहले रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इनकी छंटाई से लेकर चट्टानों आदि को ट्रैक से सुरक्षित अंतरों पर रखा जाता है। यह काम हाल ही में पूरा किया गया है। इसके अलावा नागपुर स्टेशन पर ड्रेनेज लाइन की सफाई से लेकर पानी निकासी की व्यवस्था ठीक कर ली गई है।
Created On :   28 Jun 2019 8:57 AM GMT