गिलहरी और चूहे का शिकार करने वालों को 3- 3 साल का कारावास

3 year imprisonment for the accused of hunting wild creatures
गिलहरी और चूहे का शिकार करने वालों को 3- 3 साल का कारावास
गिलहरी और चूहे का शिकार करने वालों को 3- 3 साल का कारावास

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। यहां अदालत ने जंगली गिलहरी और चूहे का शिकार करने के आरोप में दो लोगों को तीन- तीन वर्ष के कारावास व 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है। मामला 16 साल पुराना है। दोनों ही आरोपी शिकार के साथ जंगल में पकड़े गए थे। इस संबंध में बताया गया है कि वन्यप्राणी जंगली गिलहरी और चूहे का शिकार के मामले में दो आरोपी छत्तीसगढ़ कवर्धा जिले के रेंगाखार थाना अंतर्गत ग्राम बंदकुंदा निवासी 55 वर्षीय फगुआ पिता फिरंगी बैगा और गढ़ी थाना अंतर्गत उमरझोला निवासी 58 वर्षीय सुमरन पिता खेमसिंह गोंड को बैहर न्यायालय के माननीय जेएमएफसी न्यायाधीश मधुसूदन जंघेल ने वन्यप्राणी अधिनियम की धारा 2 (16), 9, 35(6), 50 सहपठित धारा 51 के तहत दोषी पाते हुए 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है। न्यायालय में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पंजाबसिंह राजपूत ने पैरवी की थी।

जहर की गोली से किया था चूहे का शिकार
मामले की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी अखिल कुमार कुशराम ने बताया कि 25 नवंबर 2003 को सूपखार परिक्षेत्र के बासपहरा केंप के कक्ष क्रमांक 199 में वन कर्मचारी गश्त कर रहे थे। इस दौरान लिपिदादर नामक स्थान पर आरोपी फगुआ के पास से वन्यप्राणी 2 नग जंगली गिलहरी और 9 नग चूहा के साथ ही इनके शिकार में प्रयुक्त किए गए तांत का झोला, फंदा और काड़ी बरामद किया गया था।

दोनों आरोपियों ने वनकर्मियों को पूछताछ में अपने एक और साथी सुमरन का नाम लेते हुए बताया था कि गिलहरी और चूहे का शिकार जहरीली गोली से किया गया था। जिसके बाद वनविभाग की टीम ने सुमरन को पकड़ा, जिसके पास से जहर की गोली बरामद कर उसे गिरफ्तार किया था। जिसमें वनविभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी अधिनियम की धारा 2 (16), 9, 35(6), 50 सहपठित धारा 51,52 के तहत अपराध कायम कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था। जहां मामले में चल रहे विचारण के दौरान माननीय न्यायालय ने आरोपियों को दोषी पाते हुए 3-3 वर्ष के कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है।

 

Created On :   6 Feb 2019 2:24 PM GMT

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