भृष्टाचार करने वाले सरपंच, सचिव और दो पंचो को 3 वर्ष का कारावास-अर्थदंड भी

3-year imprisonment to the sarpanch, secretary and two panchos who do graft
भृष्टाचार करने वाले सरपंच, सचिव और दो पंचो को 3 वर्ष का कारावास-अर्थदंड भी
भृष्टाचार करने वाले सरपंच, सचिव और दो पंचो को 3 वर्ष का कारावास-अर्थदंड भी

डिजिटल डेस्क बालाघाट। बालाघाट मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत कोसमी के तत्कालीन सरपंच तेजराम उके, सचिव रितु यादव और पंच सावित्री श्रीवास एवं राजेन्द्र बम्बुरे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय के माननीय न्यायाधीश रामजीलाल ताम्रकर की अदालत ने गबन के मामले में दोषी पाते हुए 3-3 वर्ष की सजा और अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है। मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अभिजीत बापट ने पैरवी की। 
किया था गबन 
घटनाक्रम के अनुसार तत्कालीन सरपंच तेजलाल उके के कार्यकाल में मनरेगा की 3 लाख 12 हजार 876 रूपये की राशि के गबन का मामला सामने आया था।  सरपंच, सचिव और पंचो ने मिलकर गबन किया था। इसकी जांच जनपद के पंचायत इंस्पेक्टर तत्कालीन देवेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा जांच की गई थी।  जांच में सरपंच, सचिव और पंचो की मिलीभगत से मनरेगा की राशि में गबन किये जाने के तथ्य मिले थे। इसके बाद सीईओ द्वारा इस मामले की शिकायत ग्रामीण थाना में की थी। पुलिस ने कोसमी निवासी तत्कालीन सरपंच 40 वर्षीय तेजलाल उके पिता सक्तू उके, सचिव 25 वर्षीय रितु यादव पिता राजु यादव, पंच 38 वर्षीय सावित्री श्रीवास पति देवीलाल श्रीवास और 35 वर्षीय राजेन्द्र बम्बुरे पिता परसराम बम्बुरे के खिलाफ पुलिस ने गबन सहित अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया था। संपूर्ण विवेचना उपरांत पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया , जिसमें चल रही सुनवाई और अभियोजन की ओर अपर लोक अभियोजक द्वारा रखे गये तथ्यों के आधार पर सहमत होते हुए माननीय अदालत के न्यायाधीश ने धारा 409 में 3-3 वर्ष का कारावास और दो-दो हजार रूपये अर्थदंड, धारा 420 में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रूपये अर्थदंड तथा धारा 477(क) में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपये अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है।
 

Created On :   24 Sep 2019 1:33 PM GMT

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