रिश्वत लेने वाले पुलिस अधिकारी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास

4 year imprisonment  to a police officer in case of taking bribe
रिश्वत लेने वाले पुलिस अधिकारी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास
रिश्वत लेने वाले पुलिस अधिकारी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास

डिजिटल डेस्क,शहडोल । प्रतिवादी के केस में धारा न बढ़ाने के लिए रिश्वत मांगने वाले  भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष (विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) ने  चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। गोहपारू थाने के तत्कालीन एएसआई मोहनलाल ने एक प्रकरण में चोरी की धारा न बढ़ाने एवं चालान कोर्ट में जल्दी पेश करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। आरोपी को लोकायुक्त ने रंगेहाथ पकड़ा था।
मांग रहा था दस हजार रू.
मीडिया सेल प्रभारी नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता वीरन साहू ने 4 मई 2013 को लोकयुक्त रीवा में एक लिखित शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार वीरन साहू एवं उसके दो पुत्रों निवासी ग्राम जमुनिहा के विरूद्ध जितेन्द्र तिवारी ने 26 अप्रैल 2013 को थाना गोहपारू में एफआईआर दर्ज कराई थी। मुकदमे की विवेचना थाना गोहपारू में पदस्थ आरोपी एएसआई मोहनलाल द्वारा की जा रही थी। मोहनलाल शुक्ला  मुकदमे में चोरी की धारा न बढ़ाने एवं चालान कोर्ट में जल्दी पेश करने के एवज में रिश्वत मांग रहा था। शिकायतकर्ता द्वारा 5000 रुपए देने के बाद आरोपी एएसआई 5000 रुपए की और मांग करने लगा। तब शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा को की गई।
लोकायुक्त ने रंगेहाथ पकड़ा था
लोकायुक्त रीवा द्वारा आरोपी को ट्रैप कार्रवाई के दौरान 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना के बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरुद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने 13 फरवरी को आरोपी मोहनलाल शुक्ला तत्कालीन सहायक उपनिरीक्षक थाना गोहपारू को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) डी11 सहपठित 13 (2) में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 15000 रुपए के अर्थदण्ड सेे दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से कविता कैथवास सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी शहडोल द्वारा पैरवी की गई।

 

Created On :   14 Feb 2019 7:27 AM GMT

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