फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी जमीन बेचने वाले वनकर्मी को 4 साल की सजा, जुर्माना भी देना होगा

4 years in jail for selling government land with fake signature
फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी जमीन बेचने वाले वनकर्मी को 4 साल की सजा, जुर्माना भी देना होगा
फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी जमीन बेचने वाले वनकर्मी को 4 साल की सजा, जुर्माना भी देना होगा

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। शासकीय जमीन को फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से बेचने के आरोपी फारेस्ट कर्मी लालबर्रा निवासी राकेश गिरी को बालाघाट न्यायालय ने सजा सुनायी है। मामले की सुनवाई करते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एवं भ्रष्टाचार मामलो के विशेष न्यायाधीश रामजीलाल ताम्रकार की अदालत ने दोषी पाते हुए अलग-अलग धाराओं में चार वर्ष का कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। विशेष लोक अभियोजक जिला अभियोजन अधिकारी के.एल. वर्मा ने पैरवी की।

यह है पूरा मामला
घटनाक्रम के अनुसार 30 अगस्त 2014 को लौंगुर सामान्य वन परिक्षेत्र अधिकारी ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि वनपरिक्षेत्र हट्टा कार्यालय में पदस्थ परिक्षेत्र लिपिक राकेश गिरी गोस्वामी को बालाघाट नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 30 सरेखा स्थित पुराना वनपरिक्षेत्र लौंगुर कार्यालय में शासकीय निवास के लिए आवास आबंटित किया गया था। जहां रहते हुए वहां की शासकीय जमीन को सहायक वनसंरक्षक बालाघाट एवं परिक्षेत्र लिपिक बालाघाट की फर्जी हस्ताक्षर से कर्मी राकेश गिरी गोस्वामी द्वारा फर्जी मनी रसीद जारी की गई एवं स्वयं के नाम पर फर्जी स्टोर रूम निर्माण की स्वीकृति जारी कर ली गई। जिसके बाद फर्जी हास्ताक्षर से शासकीय जमीन को स्थानीय निवासी कैलाश गिरवानी एवं श्याम तेजवानी को बेचने का प्रयास करते हुए दोनों को  रसीदे जारी कर 2 लाख 16 हजार रुपए ले लिए गए।

विशेष न्यायालय में सुनवाई
मामले की जांच करते हुए कोतवाली पुलिस ने राकेश गिरी गोस्वामी के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 409 भादवि. 13 (1)(डी) 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया था। जिसमें विवेचना उपरांत कोतवाली पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था, जिसमें भ्रष्टाचार मामले को देख रही विशेष न्यायालय में इसकी सुनवाई चल रही थी, जिसमें आज 8 अप्रैल को आए फैसले में विशेष न्यायालय  न्यायाधीश की अदालत ने धारा 409 में 4 वर्ष का कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 420 में 3 वर्ष का कारावास एवं 1 हजार रुपए , धारा 467 में 4 वर्ष का कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदंड, धारा 468 में 3 वर्ष का कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 471 में दो वर्ष का कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदंड और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(डी) 13 (2) में 4 वर्ष का कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है।

Created On :   8 April 2019 2:13 PM GMT

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